
रामपुर, उत्तर प्रदेश। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म खान को दो पैन कार्ड रखने के मामले में रामपुर की अदालत ने दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष की सज़ा सुनाई है। यह फैसला सोमवार को सुनाया गया। यह मामला वर्ष 2019 में नगर विधायक रहे आकाश कुमार सक्सेना द्वारा दर्ज कराया गया था। आरोप था कि अब्दुल्ला आज़म ने दो अलग-अलग पैन कार्ड बनाए थे और उनमें से एक दस्तावेज़ का इस्तेमाल चुनावी हलफनामों में किया गया। ट्रायल के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आज़म खान और उनके बेटे को दोषी पाया। इस केस में अब्दुल्ला आज़म ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसमें ट्रायल की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी, लेकिन जुलाई 2025 में हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसी महीने की शुरुआत में अब्दुल्ला आज़म को एक अन्य मामले पासपोर्ट के लिए फर्जी दस्तावेज़ के इस्तेमाल में भी राहत नहीं मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि ट्रायल कोर्ट को मामले का फैसला करने दिया जाए।
आज़म खान को एक अन्य मामले में राहत, लेकिन कानूनी मुश्किलें जारी
आजम खान को हाल ही में एक अन्य पुराने केस में राहत मिली थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी ने उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज कराया था। अदालत ने पाया कि पुलिस पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई, जिसके बाद आज़म खान को इस मामले में बरी कर दिया गया। हालाँकि, पैन कार्ड और पासपोर्ट मामलों से जुड़ी कानूनी चुनौतियाँ आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म के लिए अब भी गंभीर बनी हुई हैं। दो पैन कार्ड केस में सज़ा के बाद, राजनीतिक और कानूनी मोर्चों पर उनकी मुश्किलें और बढ़ती दिखाई दे रही हैं।




