
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने लंदन स्थित ऐतिहासिक “इंडिया हाउस” को अपने अधीन लेकर उसे एक राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित करने का निर्णय लिया है। यह वही स्थान है जहाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत और क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर ने अपने छात्र जीवन के दौरान निवास किया था। राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास को वैश्विक स्तर पर सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। एडवोकेट शेलार हाल ही में नागपुर के रघुजी राजे भोसले की ऐतिहासिक तलवार भारत लाने के लिए लंदन दौरे पर गए थे। इसी दौरान उन्होंने ‘इंडिया हाउस’ का दौरा किया, जहाँ लंदन में रहने वाले भारतीयों ने इस ऐतिहासिक भवन को सरकारी संरक्षण में लेने की मांग रखी। इस विषय पर नासिक की विधायक देवयानी फरांडे ने भी सरकार से औपचारिक अनुरोध किया था। इसके बाद इस प्रस्ताव की समीक्षा हेतु एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें विधायक देवयानी फरांडे, सामान्य प्रशासन विभाग, सांस्कृतिक कार्य विभाग, पुरातत्व विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि “मित्र” की अध्यक्षता में एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें सामान्य प्रशासन, सांस्कृतिक कार्य, पुरातत्व और वित्त विभाग के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। यह समिति “इंडिया हाउस” के अधिग्रहण की प्रक्रिया, लागत, कानूनी पहलुओं और संरक्षण की रूपरेखा पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके पश्चात आगे की कार्यवाही आरंभ की जाएगी। सरकार का यह कदम न केवल सावरकर की ऐतिहासिक विरासत को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के उन अप्रकाशित अध्यायों को भी सम्मानित करेगा, जो विदेशों में रहकर भारत की आज़ादी के लिए संघर्षरत रहे।




