Wednesday, November 12, 2025
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अब घर बैठे बनेगा जीवन प्रमाण पत्र, डाक विभाग चला रहा डिजिटल अभियान

डॉ अंशुमान अग्निहोत्री
उन्नाव, उत्तर प्रदेश।
अब बुजुर्गों और पेंशनभोगियों को पेंशन के लिए जरूरी जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) बनवाने के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डाक विभाग के अधीन कार्यरत इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने 1 नवम्बर से 30 नवम्बर तक विशेष अभियान चलाया है, जिसके तहत पेंशनभोगियों को घर बैठे जीवन प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया “डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 4.0” देशभर में युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। यह अभियान 1600 जिलों, कस्बों और ग्राम सभाओं तक पहुंचकर लाखों पेंशनभोगियों को लाभान्वित करेगा। अभियान का उद्देश्य आधुनिक फेस ऑथेंटिकेशन और फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक तकनीक के जरिए डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा देना है, ताकि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा मिल सके। डाक विभाग के अधीक्षक सर्वेश कुमार ने जानकारी दी कि डीएलसी अभियान 4.0 यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पेंशनभोगी अपने जीवन प्रमाण पत्र के लिए परेशान न हो। डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के सहयोग से पोस्ट ऑफिस, पेंशनभोगियों के घरों या निकटतम स्थानों पर डीएलसी शिविर लगाकर सेवा दी जा रही है। इसमें पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) की अहम भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन, UIDAI और अन्य संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस पहल से पारंपरिक कागज़ आधारित प्रमाणपत्रों की आवश्यकता समाप्त होगी और प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल व सरल बनेगी। गौरतलब है कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने 2020 में “डोरस्टेप डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सेवा” की शुरुआत की थी, जो आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर आधारित है। अब वरिष्ठ नागरिकों को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पेंशन कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। पेंशनभोगी चाहें तो आईपीपीबी के माध्यम से या निकटतम डाकघर जाकर जीवन प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। इसके लिए पोस्टमैन या ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) से भी संपर्क किया जा सकता है। डोरस्टेप सेवा के लिए मात्र 70 रुपए (जीएसटी सहित) का शुल्क लिया जाएगा। आधार संख्या और पेंशन विवरण प्रदान करने पर प्रमाणपत्र तैयार हो जाएगा और पुष्टि का एसएमएस पेंशनर के मोबाइल पर भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त पेंशनर्स jeevanpramaan.gov.in पोर्टल पर जाकर भी संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल पेंशनभोगियों के लिए न केवल सुविधा का साधन बनेगी, बल्कि “डिजिटल इंडिया” के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।

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