Wednesday, November 12, 2025
Google search engine
Homeउत्तर प्रदेशप्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में अनिवार्य होगा ‘वंदे मातरम’ का गायन:...

प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में अनिवार्य होगा ‘वंदे मातरम’ का गायन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एकता यात्रा का शुभारंभ करते हुए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में अब ‘वंदे मातरम’ का गायन अनिवार्य किया जाएगा, ताकि हर नागरिक के मन में भारत माता और अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना जागृत हो। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ ने आजादी के आंदोलन में भारत की सोई हुई चेतना को जगाया, उसी गीत का आज फिर विरोध किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति, मत या मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता। यदि व्यक्तिगत आस्था राष्ट्र के आड़े आती है, तो उसे एक ओर रख देना चाहिए।
सीएम ने समाजवादी पार्टी के एक सांसद द्वारा वंदे मातरम गाने से इनकार करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे लोग जिन्ना को सम्मान देने वाले कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, लेकिन लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती के आयोजन में नहीं आते। यह उनकी मानसिकता और राष्ट्र के प्रति निष्ठा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों के साथ-साथ राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के भी 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। योगी ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन के दौरान यह गीत भारत की चेतना का प्रतीक बना। 1876 के बाद हर क्रांतिकारी, विद्यार्थी, महिला, पुरुष और बच्चा ‘वंदे मातरम’ का उद्घोष करते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़ा था। यह उद्घोष विदेशी दासता से भारत को मुक्त कराने का मंत्र बन गया था। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम के छंदों में संशोधन करने का प्रयास किया और राष्ट्रगीत को सांप्रदायिक बताने की गलती की। यदि कांग्रेस ने उस समय मोहम्मद अली जौहर जैसे नेताओं के विरोध को स्वीकारने के बजाय वंदे मातरम के सम्मान में दृढ़ता दिखाई होती, तो शायद भारत का विभाजन नहीं हुआ होता। उन्होंने बताया कि 1937 में कांग्रेस द्वारा गठित समिति ने वंदे मातरम के कुछ शब्दों को बदलने की सिफारिश की थी, यह कहते हुए कि गीत में भारत माता को देवी स्वरूपों– दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के रूप में प्रस्तुत किया गया है। योगी ने कहा कि यह गीत धरती माता की उपासना का प्रतीक है। भारत का ऋषि परंपरा से यह मानता आया है कि धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र हैं। अतः जब कोई मां के सम्मान को चुनौती देता है, तो उसका प्रतिरोध करना हमारा कर्तव्य बन जाता है। सीएम ने दोहराया कि कोई व्यक्ति, जाति, मत या मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता। कुछ लोगों के लिए आज भी भारत की एकता और अखंडता से ऊपर उनका मत और मजहब है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 1947 में जो देश का विभाजन हुआ, वह कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का परिणाम था। आज भी वही मानसिकता कुछ राजनीतिक दलों में जिंदा है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश की धरती पर राष्ट्रभक्ति की भावना को और मजबूत किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में प्रदेश के हर शैक्षणिक संस्थान में ‘वंदे मातरम’ का गायन अनिवार्य नियम के रूप में लागू किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम और एकता की भावना निरंतर सशक्त हो।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments