
पुणे। महार वतन जमीन खरीद मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी पर लगे आरोपों को लेकर अब एनसीपी नेता रोहित पवार ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई सत्ता में हो या बाहर, अगर किसी ने भी अवैध काम किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मामला उस समय सुर्खियों में आया जब खबरें सामने आईं कि पार्थ पवार की एमेडिया एलएलपी कंपनी ने विवादित जमीन की खरीदी की थी। इस लेन-देन में पार्थ के पार्टनर दिग्विजय पाटिल, कुछ सरकारी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए थे। काफी समय तक चुप रहने पर शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्री संजय शिरसाट ने रोहित पवार पर तंज कसते हुए कहा था, “क्या मेरा तोता अब बहरा हो गया है?” इस टिप्पणी के बाद रोहित पवार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि वह बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और इसी कारण न तो सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हुए और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे। रोहित पवार ने कहा कि वह मामले पर विचार-विमर्श कर रहे थे और उनका मानना है कि जनता के सामने सच और झूठ दोनों स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया कि वे “कुछ ख़ास लोगों के काम” क्यों कर रहे हैं और इस पूरे लेन-देन की कड़ी को उजागर किया जाना चाहिए। अजित पवार को जानबूझकर निशाना बनाए जाने के सवाल पर रोहित पवार ने तीखा राजनीतिक तंज कसते हुए कहा कि अब ऐसा लग रहा है कि कुबड़ेपन की ताकत कम करने की कोशिश की जा रही है। कुछ लोगों को उम्मीद थी कि कुबड़ेपन को सम्मान के साथ फांसी दी जाएगी, लेकिन यहां तो कुबड़ेपन को तोड़कर तंदूर में डालने की कोशिश हो रही है। रोहित पवार के इस बयान को महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार की भूमिका और उनकी राजनीतिक ताकत के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसने राज्य की सत्तारूढ़ राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है।




