
मुंबई। महाराष्ट्र आज भारत की ‘स्टार्टअप राजधानी’ बन चुका है, जहां देश में सबसे अधिक पंजीकृत स्टार्टअप्स हैं। खास बात यह है कि इन स्टार्टअप्स में 45 प्रतिशत का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को दी। उन्होंने कहा कि भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में महाराष्ट्र और विशेष रूप से महिला उद्यमियों की अहम भूमिका होगी। रविवार को फडणवीस जुहू स्थित एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘इनोवेशन महाकुंभ 2025’ के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हर युवा के मन में नवाचार के नए विचार हैं, और इस स्टार्टअप युग ने हर व्यक्ति को एक नया उद्यमी बनने का अवसर प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के ऐतिहासिक संदर्भ को याद करते हुए कहा कि जब ब्रिटेन में महिलाओं को मतदान का अधिकार भी नहीं था, तब भारत में 1916 में महर्षि धोंडो केशव कर्वे ने महिलाओं के लिए स्वतंत्र विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। उनकी दूरदृष्टि ने आज महिला सशक्तिकरण और नवप्रवर्तन के नए युग की नींव रखी। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने नवउद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए ठोस नीति बनाई है और युवाओं के सपनों को साकार करने में सरकार तथा विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि “नवाचार केवल नए उत्पाद नहीं लाता, बल्कि जीवन को सरल बनाता है और अर्थव्यवस्था को गति देता है। उन्होंने आगे बताया कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स ने नवप्रवर्तन को नई दिशा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान की बदौलत भारत आज दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकॉनॉमी है और जल्द ही दूसरी सबसे बड़ी बनने की राह पर है। कार्यक्रम में महिला उद्यमियों द्वारा विकसित नवाचारों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसे मुख्यमंत्री फडणवीस ने देखा और उत्कृष्ट स्टार्टअप विचारों को सम्मानित किया। उन्होंने चिकित्सा, कृषि और परिवहन प्रबंधन क्षेत्रों में उत्कृष्ट नवाचार प्रस्तुत करने वाली तीन टीमों को विशेष पुरस्कार भी दिए। साथ ही प्री-इनक्यूबेशन केंद्र का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने कहा कि राज्य में शिक्षा और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि “महाराष्ट्र जल्द ही देश में इस क्षेत्र में पहले स्थान पर होगा।” लोढा ने महिला उद्यमियों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सरकार एसएनडीटी विश्वविद्यालय और महिलाओं के नेतृत्व वाले नवाचारों के साथ पूर्ण रूप से खड़ी है। विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. डॉ. उज्वला रायकर ने इस अवसर पर कहा कि महिला उद्यमिता महाराष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की आधारशिला बन चुकी है और विश्वविद्यालय इसके लिए हर संभव सहयोग देने को प्रतिबद्ध है।




