
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच गया है। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शुक्रवार को भागलपुर पहुंचे, जहां उन्होंने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बिहार की एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी ने बिहार को मजदूरों का प्रदेश बना दिया है, जहां उद्योग-धंधे बंद हैं और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे महागठबंधन की सरकार बनाकर बिहार को फिर से आत्मनिर्भर राज्य बनाएं। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में हरियाणा विधानसभा चुनाव का भी जिक्र किया और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “हरियाणा में 2 करोड़ वोटर हैं, लेकिन वोटर लिस्ट में 25 लाख से अधिक फर्जी नाम शामिल थे। बीजेपी के लोग उत्तर प्रदेश में रहते हैं, वहां वोट देते हैं और चुनाव के समय हरियाणा जाकर वहीं वोट डालते हैं। एक ब्राजील की महिला का नाम वोटर लिस्ट में 22 बार दर्ज था। एक बूथ में एक महिला 200 बार वोट दे सकती थी। नरेंद्र मोदी, अमित शाह और चुनाव आयोग ने मिलकर हरियाणा का चुनाव चुराया।” राहुल ने कहा कि अब उनके पास सबूत हैं कि किस तरह चुनाव प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी वोटों की चोरी की गई, और अब बीजेपी बिहार में भी यही दोहराना चाहती है। राहुल गांधी ने कहा, “बिहार में महागठबंधन समर्थक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं। आयोग आखिरी समय तक दलों को वोटर लिस्ट नहीं दे रहा। हरियाणा का चुनाव चोरी हो गया, लेकिन बिहार की जनता और यहां की नई पीढ़ी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये दोनों सालों से चुनाव चोरी कर रहे हैं। पहले हमारे पास प्रमाण नहीं थे, अब हमारे पास ब्लैक एंड व्हाइट में आंकड़े हैं। हरियाणा की सरकार चोरी से बनी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बिहार में युवाओं से कहते हैं “डेटा सस्ता कर दिया, अब रील बनाकर पैसा कमाओ।” राहुल ने सवाल किया, “क्या रील बनाने से आपकी जेब में पैसा आता है? नहीं, आपका पैसा रिचार्ज के नाम पर बड़ी कंपनियों की जेब में चला जाता है। राहुल गांधी ने कहा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और रील्स युवाओं को भ्रमित करने का माध्यम बन चुके हैं ताकि वे सरकार से रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सवाल न पूछें। उन्होंने कहा, “किसी आदमी की जेब में पैसा केवल रोजगार से आता है, न कि रील से।” उन्होंने बताया कि वे मखाना किसानों और बुनकरों से मिले हैं, जिन्हें लोन तक नहीं मिल रहा। “क्या बिहार की बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया? क्या मखाना किसानों या बुनकरों का कर्ज माफ हुआ?” राहुल ने कहा कि सरकार ने केवल कॉर्पोरेट्स को राहत दी, गरीबों को नहीं।
भागलपुर की रैली में राहुल गांधी ने बिहार में बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार, मोदी और अमित शाह ने बिहार को मजदूरों का प्रदेश बना दिया है। “बिहार के लोग अब देशभर में मजदूरी करते हैं- सड़क, पुल, हाईवे बनाते हैं। लद्दाख की बर्फ में भी बिहार का मजदूर फटी शर्ट में काम कर रहा है। लेकिन बिहार में खुद काम नहीं है क्योंकि यहां इंडस्ट्रीज खत्म कर दी गई हैं, स्कूल बंद पड़े हैं, रोजगार मिटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि “फोन से लेकर कपड़े तक सब पर ‘मेड इन चाइना’ लिखा है। ये लोग नहीं चाहते कि बिहार में स्थानीय उद्योग खड़े हों। वे आपको कमजोर बनाना चाहते हैं ताकि आप हमेशा मजदूर बने रहें। राहुल गांधी ने बिहार के युवाओं से कहा कि वे चाहते हैं जब वे फोन देखें तो उस पर “मेड इन इंडिया” लिखा हो। उन्होंने वादा किया कि महागठबंधन की सरकार बनने पर राज्य में छोटे उद्योग, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि युवाओं को रोजगार मिले। रैली के अंत में राहुल गांधी ने कहा, “हमारी सरकार अति पिछड़ों, दलितों, गरीब सवर्णों और युवाओं की सरकार होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार हमारे काम का केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि जब इंडिया गठबंधन की सरकार दिल्ली में बनेगी तो सबसे पहले “विश्वस्तरीय नालंदा विश्वविद्यालय फिर से बिहार में स्थापित किया जाएगा। राहुल गांधी के इस भाषण के साथ बिहार में चुनावी माहौल और गर्म हो गया है। विपक्ष जहां इसे लोकतंत्र की बहाली की लड़ाई बता रहा है, वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार और चुनावी हताशा का परिणाम बताया है।




