
नागपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर में गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (एनएटी) सेंटर का उद्घाटन किया। यह सुविधा वाला एम्स मध्य भारत का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान बन गया है। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने गामा ब्लड इरैडिएटर उपकरण का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम का आयोजन एम्स के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग ने किया था। एनएटी एक अत्याधुनिक टेस्ट है, जो खून, लार या अन्य सैंपल से कीटाणुओं का त्वरित पता लगाता है। इसके जरिए एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों का प्रारंभिक चरण में ही पता चल जाता है और मरीज का इलाज तुरंत शुरू किया जा सकता है। यह टेस्ट सटीक निदान की क्षमता के लिए भी जाना जाता है। अगर यह उपकरण ब्लड बैंकों में लगाया जाए, तो जरूरतमंद मरीजों को दूषित खून मिलने का खतरा लगभग समाप्त हो जाएगा।
गामा ब्लड इरैडिएटर उपकरण की मदद से मरीजों को अत्यंत शुद्ध खून उपलब्ध कराया जा सकेगा, जिससे खून चढ़ाने से होने वाली बीमारियों को रोका जा सकेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने दोनों उपकरणों की खूब सराहना की और उम्मीद जताई कि समाज के जरूरतमंद लोगों को इसका अधिकतम लाभ मिलेगा। इस मौके पर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत जोशी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके अलावा डीन डॉ. मृणाल पाठक, महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के प्रशासक डॉ. विंकी रुघवाणी, एम्स के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग के प्रमुख डॉ. सौम्या दास, डॉ. पराग फुलझेले, डॉ. रौनक दुबे और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।



