
मुंबई। मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने मालाड (वेस्ट) में हुए कथित रीडेवलपमेंट फ्रॉड की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस मामले में कांदिवली के एक बिल्डर को तीन डेवलपर्स ने 18.09 करोड़ रुपए का चूना लगाया, जिसके तहत प्रॉपर्टीज़ के जॉइंट रीडेवलपमेंट का झांसा दिया गया। मालाड पुलिस स्टेशन में दर्ज एफ़आईआर के मुताबिक, शिकायतकर्ता राकेश वीरेंद्र सिंह (51), ठाकुर कॉम्प्लेक्स, कांदिवली (ईस्ट) के निवासी, ने आरोप लगाया कि आरोपी अपूर्वा शाह, शीतल शाह और विशेष शाह, जो जनसुख निवास कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी, कांदिवली (वेस्ट) के निवासी हैं, ने रामचंद्र लेन, मालाड (वेस्ट) स्थित दो प्रॉपर्टीज़- राम निवास (सर्वे नंबर 695, 695/1–7) और कमल कुंज (सर्वे नंबर 694/1–11) के मालिक होने का झूठा दावा किया। एफ़आईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने प्रॉपर्टीज़ के कानूनी विवाद और “क्लियर टाइटल” न होने की जानकारी छिपाई। इसके बावजूद उन्होंने सिंह की फर्म के साथ जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (जेडीए ) किया और कथित रूप से जाली ओनरशिप डॉक्यूमेंट्स पेश किए। आरोपियों ने प्रोजेक्ट से अच्छा मुनाफा मिलने का वादा करके सिंह को 18.09 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने के लिए उकसाया, लेकिन इन्वेस्टमेंट मिलने के बाद प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया और राशि वापस नहीं की। मालाड पुलिस ने धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की। अब इस मामले की विस्तृत जांच के लिए मामला मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (यूनिट 12) को ट्रांसफर कर दिया गया है।



