
उन्नाव, उत्तर प्रदेश। गंगा कटरी क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ से तबाह किसानों, नाविकों और ग्रामीण परिवारों की त्रासदी पर मानव उत्थान सेवा समिति ने गहरी चिंता व्यक्त की। समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में समिति की अध्यक्ष सुनीता कुशवाहा ने कहा कि गंगा की लहरों ने किसानों की मेहनत और नाविकों की जीविका दोनों को बहा दिया है। लेकिन आज भी अधिकांश पीड़ित परिवारों को शासन की ओर से समुचित राहत नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि गंगा तटवर्ती गाँवों में हजारों बीघा फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। कई परिवारों के मकान बह गए हैं। लोग अस्थायी झोपड़ियों में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। वहीं बाढ़ राहत कार्यों में दिन-रात सेवा करने वाले नाविकों को अब तक एक रुपया तक पारिश्रमिक नहीं मिला। समिति ने किसानों को नष्ट फसलों का तत्काल मुआवजा देने, बेघर परिवारों को प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शीघ्र आवास स्वीकृत किए जाने, नाविकों को बाढ़ राहत कार्यों में किए गए श्रम का परिश्रमिक/मानदेय तत्काल दिए जाने तथा गंगा कटरी क्षेत्र में स्थायी बाढ़ सुरक्षा योजना बनाकर भविष्य के नुकसान से बचाव सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई है। ज्ञापन मे समिति ने यह भी चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो कटरी क्षेत्र के ग्रामीण शांतिपूर्ण अनशन या सामूहिक धरने के माध्यम से अपनी आवाज उठाने को विवश होंगे। ज्ञापन देने के दौरान धर्मराज कुशवाहा, रामविलास सैनी, आशीष कुशवाहा व रामआसरे कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।



