
मुंबई। पवई के आर ए स्टूडियो में 19 लोगों को बंधक बनाने वाले फिल्म निर्माता रोहित आर्या (50) का शनिवार तड़के पुणे में अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार देर रात मुंबई के जेजे अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद उनका शव परिवार को सौंपा गया और पुणे ले जाया गया। अंतिम संस्कार के समय उनकी पत्नी, बेटा और कुछ करीबी रिश्तेदार मौजूद थे। पुलिस के अनुसार, आर्या पिछले कई वर्षों से परिवार से दूर रह रहे थे और उनका परिजनों से बहुत कम संपर्क था। रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें आर्या की हालिया गतिविधियों या ठिकाने की कोई जानकारी नहीं थी।
कैसे शुरू हुआ पवई बंधक कांड
गुरुवार दोपहर लगभग 1:30 बजे पवई स्थित महावीर क्लासिक बिल्डिंग के आर ए स्टूडियो में यह भयावह घटना हुई। आर्या ने एक वेब सीरीज़ के ऑडिशन के दौरान 17 बच्चों और दो वयस्कों को बंधक बना लिया। 10 से 12 वर्ष के ये बच्चे दो दिनों से ऑडिशन दे रहे थे। बताया गया कि आर्या ने एक भावुक और असंगत मांगों वाला वीडियो जारी किया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने तुरंत त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), बम निरोधक दस्ता (BDDS) और अग्निशमन विभाग की टीमों को मौके पर भेजा। पुलिस उपायुक्त (जोन X) दत्ता नलावडे के अनुसार, अधिकारी सीढ़ी और नली के सहारे पहली मंजिल तक पहुँचे, जहाँ आर्या बच्चों को बंधक बनाए हुए था। बचाव अभियान के दौरान आर्या कथित तौर पर एक एयर गन लेकर अधिकारियों पर झपटा, जिसके बाद पुलिस को गोली चलानी पड़ी। आर्या को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहाँ शाम 5:15 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मौके से एक पिस्तौल, पेट्रोल, ज्वलनशील रबर का घोल और एक लाइटर बरामद किया।
जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई
पुलिस ने आर्या के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109(1) (हत्या का प्रयास), 140 (हत्या या फिरौती के लिए अपहरण) और 287 (ज्वलनशील पदार्थों के प्रति लापरवाही) के तहत मामला दर्ज किया है। घटना की आगे की जांच अब मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है, जिसने जब्त सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। यह मामला न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि पूरे शहर को झकझोर देने वाला साबित हुआ है, जिसने मनोरंजन जगत में मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




