
मुंबई। राज्य के सरकारी अस्पतालों में बढ़ती मृत्यु दर को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से सेंट जॉर्ज अस्पताल में मृत्यु दर में वृद्धि को गंभीरता से लेते हुए मंत्री मुश्रीफ ने गुरुवार को मुंबई में विभागीय अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव धीरज कुमार, निदेशक डॉ. अजय चंदनवाले, जे.जे. और सेंट जॉर्ज अस्पताल के डीन, चिकित्सा अधीक्षक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री मुश्रीफ ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मृत्यु दर घटाने के लिए चिकित्सा सेवाओं में तत्काल सुधार आवश्यक है। इसके लिए जनशक्ति, उपकरणों और दवाइयों की उपलब्धता प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने, आधुनिक उपकरण लगाने और दीर्घकालिक सुधार योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आईसीयू में मृत्यु दर अपेक्षाकृत अधिक इसलिए है क्योंकि कई मरीजों को निजी अस्पतालों से अंतिम चरण में सरकारी अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाता है। फिर भी सरकार का उद्देश्य है कि ऐसे मरीजों को भी बेहतर उपचार और जीवनरक्षक सुविधाएँ समय पर मिलें। अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 से 2025 के बीच समग्र मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है। 2022 में जहाँ 2040 मरीज सफल उपचार के बाद घर लौटे, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 7407 तक पहुँच गई। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस दिशा में तत्काल कदम उठाते हुए एक पारदर्शी जाँच और सुदृढ़ सुधार योजना तैयार की है। विभाग ने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ठोस उपाय किए जा रहे हैं। तत्काल उपाय: 1. आईसीयू में आवश्यक विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति और जीवनरक्षक दवाइयों की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश। 2. गंभीर मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर सुसज्जित एम्बुलेंसों के माध्यम से सर जे.जे. अस्पताल में स्थानांतरित करने के आदेश।
दीर्घकालिक उपाय: 1. सेंट जॉर्ज अस्पताल में जनशक्ति, दवाओं का भंडार और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश।2.मुंबई सहित राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की व्यापक समीक्षा कर सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने का निर्णय।
3.सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की मृत्यु दर की मासिक समीक्षा करने का आदेश।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि आवश्यक धनराशि, मानव संसाधन और दवाओं की आपूर्ति को प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने की प्रक्रिया जारी है। सरकार ने संकेत दिया है कि आगामी महीनों में राज्य के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा सेवाओं में दृश्यमान सुधार सुनिश्चित किया जाएगा ताकि आम नागरिकों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके।




