
मुंबई। विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र में मतदाता सूची में कथित फर्जी मतदाताओं की बढ़ती संख्या और चुनाव आयोग की निष्क्रियता के खिलाफ संयुक्त रूप से मोर्चा खोल दिया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने रविवार को घोषणा की कि 1 नवंबर को मुंबई में सर्वदलीय विपक्ष की ओर से “महामार्च” आयोजित किया जाएगा। यह मार्च चुनाव आयोग की कथित मनमानी, भ्रष्ट प्रशासन और चुनावी धांधली के खिलाफ होगा। शिवसेना भवन में आयोजित सर्वदलीय प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता बाला नांदगांवकर, कांग्रेस के सचिन सावंत, और कम्युनिस्ट नेता प्रकाश रेड्डी मौजूद थे। संजय राउत ने कहा- विपक्ष चुनाव में मैच फिक्सिंग के खिलाफ लड़ रहा है। मतदाता सूचियों से घुसपैठिए मतदाताओं को हटाना लोकतांत्रिक जरूरत है, लेकिन चुनाव आयोग विपक्ष की आपत्तियों को गंभीरता से नहीं ले रहा। इसलिए अब सड़क पर उतरना ही एकमात्र विकल्प बचा है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची में करीब 96 लाख फर्जी नाम जोड़े गए हैं। अकेले पैठण के विधायक ने स्वीकार किया है कि करीब 20 हजार बाहरी मतदाता उनके क्षेत्र में जोड़े गए हैं। बुलढाणा जिले में तो एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता दर्ज किए गए हैं। राउत ने आरोप लगाया कि “इन्हीं फर्जी मतदाताओं के जरिए सत्ता में बैठे लोग अपनी कुर्सियाँ बचाए हुए हैं। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने एक आपराधिक कृत्य किया है और अधिकारी विपक्ष की शिकायतों को अनसुना कर रहे हैं। अब चुनाव आयोग को करारा जवाब सड़कों पर ही दिया जाएगा। 1 नवंबर को मुंबई की सड़कों पर लाखों लोग उतरेंगे, जिनका मताधिकार छीना गया है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को यह ताकत दिखाएंगे कि जनता के अधिकारों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” राउत ने कहा। इस महामार्च का नेतृत्व शरद पवार, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संयुक्त रूप से करेंगे। विपक्षी नेताओं ने इसे महाराष्ट्र के लोकतांत्रिक अस्तित्व की लड़ाई बताया है और जनता से इस मार्च में व्यापक भागीदारी की अपील की है।