Sunday, October 19, 2025
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नासिक मनपा के प्रभाग 9 में जल संकट गहराया: शिवाजीनगर जलशुद्धिकरण केंद्र में लापरवाही उजागर, नागरिकों में आक्रोश

नासिक। नासिक महानगरपालिका के प्रभाग 9 (शिवाजीनगर, श्रमिकनगर, ध्रुवनगर) में पिछले कई दिनों से जारी गंभीर जल संकट ने अब प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों की शिकायतों के बाद पूर्व नगरसेविका लता पाटील, पूर्व नगरसेवक रवींद्र धिवरे और युवा ऊर्जा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अमोल पाटील ने मनपा के अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप चौधरी और जलापूर्ति अधीक्षक अभियंता रवींद्र धारणकर को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन दिए जाने के अगले ही दिन तड़के सुबह 5 बजे जलापूर्ति उप अभियंता विनायक गांगुर्डे और कनिष्ठ अभियंता साहेबराव राऊत ने अमोल पाटील और रवींद्र धिवरे के साथ प्रभाग का दौरा किया। इस दौरान नागरिकों- विशेषकर महिलाओंने पानी की कमी को लेकर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। जांच दल जब शिवाजीनगर जलशुद्धिकरण केंद्र पहुँचा, तो वहाँ की स्थिति अत्यंत दयनीय पाई गई। सुबह पानी छोड़ने के निर्धारित समय पर यांत्रिकी विभाग के कोई अधिकारी केंद्र पर मौजूद नहीं थे; केवल मजदूर और दिहाड़ी श्रमिक काम करते दिखाई दिए। उपस्थित मजदूरों ने बताया कि अधिकारी प्रतिदिन सुबह 9 बजे ड्यूटी पर आते हैं, जबकि जल आपूर्ति का कार्य तड़के शुरू होता है। केंद्र में क्लोरीन मिश्रण टैंक का स्लैब कमजोर होकर ढह चुका था, जो किसी भी समय हादसे को आमंत्रण दे सकता है। वहीं, चार्ट बोर्ड पर पानी की घनत्व (डेन्सिटी) का रिकॉर्ड 13 अगस्त के बाद से अपडेट नहीं किया गया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि जलशुद्धिकरण प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। निरीक्षण के बाद यह संदेह गहराया है कि यांत्रिकी विभाग के कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण नागरिकों के साथ अन्याय हो रहा है और कृत्रिम जल संकट खड़ा किया जा रहा है। नागरिकों ने आरोप लगाया कि “शिवाजीनगर जलशुद्धिकरण केंद्र में नागरिकों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। स्थानीय निवासियों ने महापालिका आयुक्त मनीषा खत्री से व्यक्तिगत रूप से स्थल का दौरा कर वास्तविक स्थिति का आकलन करने की मांग की है। उनका कहना है कि आयुक्त स्वयं ईमानदारी से काम कर रही हैं, लेकिन उनके अधीनस्थ अधिकारी उन्हें गुमराह कर रहे हैं। नागरिकों का आरोप है कि प्रशासनिक शासन के चलते मनपा में जवाबदेही समाप्त हो चुकी है, और अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। लोगों ने व्यंग्यात्मक रूप से कहा, “आंधळे दळते आणि कुत्रे पीठ खाते” यानी अंधा पीसता है और कुत्ता आटा खा जाता है यह कहावत आज नासिक मनपा पर पूरी तरह लागू हो रही है। स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे महापालिका मुख्यालय पर आंदोलन करेंगे।

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