
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब 61 वर्षीय व्यक्ति ने शिवाजीनगर स्थित जिला अदालत की इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान पुणे के वडकी इलाके के निवासी यशवंत जाधव के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उन्होंने यह कदम 27 साल से लंबित पड़े मुकदमे से उत्पन्न मानसिक तनाव और हताशा के कारण उठाया। पुलिस के अनुसार, यह घटना बुधवार सुबह लगभग 11:45 बजे घटी, जब जाधव ने जिला अदालत भवन की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल की तलाशी के दौरान पुलिस को जाधव की जेब से एक नोट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनका मामला वर्ष 1998 से अदालत में लंबित है और लगातार विलंब से वे बेहद निराश हो चुके हैं। पुलिस का कहना है कि नोट से स्पष्ट है कि न्यायिक प्रक्रिया में लंबी देरी और मानसिक तनाव ने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया। शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। प्राथमिक तौर पर इसे हताशा जनित आत्महत्या माना जा रहा है। यह घटना न्यायिक तंत्र की धीमी प्रक्रिया और इससे आम नागरिकों पर पड़ने वाले मानसिक प्रभाव का एक और दर्दनाक उदाहरण है।




