
शिरूर। शिरूर तालुका के अंतर्गत पिंपरखेड गांव में रविवार को एक दर्दनाक हादसे में साढ़े पांच साल की बच्ची की तेंदुए के हमले में मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल पिंजरे लगाने और तेंदुए को पकड़ने की मांग की है। मृत बच्ची की पहचान शिवन्या शैलेश बॉम्बे के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, शिवन्या अपने दादा अरुण देवराम बॉम्बे के लिए पानी ले जा रही थी, जो घर के पीछे खेत जोत रहे थे। उसी दौरान पास के गन्ने के खेत में छिपे एक तेंदुए ने अचानक झपट्टा मारा और उसे फसल में खींच लिया। घटना देखकर दादा अरुण बॉम्बे तुरंत तेंदुए की ओर दौड़े और अपनी जान जोखिम में डालकर जानवर से मुकाबला किया। उन्होंने शिवन्या को उसके चंगुल से छुड़ाया, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से घायल हो चुकी थी। परिजन उसे मंचर के उपजिला अस्पताल लेकर पहुँचे, जहाँ डॉक्टरों ने इलाज से पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया। हमले की खबर फैलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। पूर्व सहकारिता मंत्री दिलीपराव वलसे पाटिल और पूर्व सांसद शिवाजीराव अधलराव पाटिल ने घटना की जानकारी लेने के लिए अस्पताल का दौरा किया और परिवार से मुलाकात की। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पिंपरखेड, जम्बूट और चंदोह गांवों के 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में यह तेंदुए के हमले से हुई सातवीं मौत है। बार-बार हो रहे इन हमलों ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। लोगों ने वन विभाग से तत्काल पिंजरे लगाने, निगरानी बढ़ाने और प्रभावित क्षेत्रों में गश्त तेज करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर विभाग ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो वे सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।