
मुंबई। महाराष्ट्र में चुनावी अनियमितताओं और कथित “वोट चोरी” के आरोपों के बीच विपक्षी दल अब सक्रिय हो गए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने घोषणा की है कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) और अन्य विपक्षी दल 14 अक्टूबर को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम से मुलाकात करेंगे। सुले ने कहा कि इस मुलाकात का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर अपनी चिंताओं को सीधे आयोग के सामने रखना है। उन्होंने कहा, “एमवीए और विपक्ष के सभी दल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करेंगे क्योंकि यह सिर्फ एमवीए का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की विश्वसनीयता का सवाल है। हमें चुनाव आयोग पर हमेशा भरोसा रहा है और हम सवाल उठाना नहीं चाहते थे, लेकिन हाल के घटनाक्रम- खासकर वोट चोरी और अनियमित संख्याओं के मामले-वास्तव में चिंता का विषय हैं। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष का उद्देश्य किसी संस्था पर अविश्वास प्रकट करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि लोकतंत्र की मूल आत्मा पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव बनी रहे। बिहार विधानसभा चुनाव पर बात करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा- हम वहाँ कांग्रेस और राजद के साथ पूरी ताकत से लड़ेंगे। महाराष्ट्र से जो भी मदद हो सकेगी, करेंगे, और अगर वे हमें वहाँ बुलाएँगे, तो हम प्रचार के लिए बिहार भी जाएँगे। मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह निर्णय समय आने पर लिया जाएगा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा- क्या भाजपा ने अभी तक अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया है? राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाराष्ट्र में विपक्ष की यह पहल न केवल राज्य के चुनावी हालात पर दबाव बनाएगी, बल्कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका और विश्वसनीयता पर भी सार्वजनिक विमर्श को गहरा करेगी।




