
मुंबई। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) पर चल रहे एक बड़े सोना तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है। विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर की गई इस कार्रवाई में डीआरआई ने 12.58 करोड़ रुपए मूल्य का 10.03 किलोग्राम सोना जब्त किया है और 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें हवाई अड्डे के कर्मचारी और विदेशी नागरिक शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, सोने को मोम-लेपित अंडाकार कैप्सूलों में बड़ी चालाकी से छिपाया गया था, जिनमें 24 कैरेट सोने की धूल भरी हुई थी। यह रैकेट कथित तौर पर कुछ एयरपोर्ट कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा था और इसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की भी पुष्टि हुई है। डीआरआई को खुफिया इनपुट मिला था कि सीएसएमआईए का कर्मचारी संतोष कनौजिया सोने की तस्करी में शामिल है और वह 10 अक्टूबर 2025 को एयरपोर्ट के बाहर सिंडिकेट सदस्यों को एक खेप सौंपने वाला है। इसके बाद ‘पी-6’ स्टाफ गेट के पास एक निगरानी टीम तैनात की गई, जहां संतोष कनौजिया और राहुल जाधव को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में कनौजिया ने पहले तो संलिप्तता से इनकार किया, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि उसने सोने से भरे कैप्सूल जाधव को सौंपे थे। तलाशी में राहुल जाधव के पास से लाल टेप में लिपटे तीन मोम-लेपित कैप्सूल बरामद हुए। जाधव ने बताया कि उसे ये कैप्सूल एक ट्रांजिट यात्री से लेने के निर्देश कनौजिया ने दिए थे। जांच के दौरान डीआरआई ने प्रस्थान क्षेत्र से मोहम्मद रफीक मोहम्मद रिमशान नामक ट्रांजिट यात्री को गिरफ्तार किया। आगे की कार्रवाई में सीएसएमआईए स्थित ‘उत्तम फ्लाइट टूर्स एंड ट्रैवल्स’ के कर्मचारी अनिल गुरुशांत अरमान को भी पकड़ा गया, जो अतिरिक्त कैप्सूल लेने के इंतजार में था। तेजी से की गई छापेमारी में दो और विदेशी ट्रांजिट यात्री- मोहम्मद कमाल हुसैन (बांग्लादेश पासपोर्ट धारक) और मोहम्मद साजिद मोहम्मद शालीहीन (श्रीलंकाई पासपोर्ट धारक) को कैप्सूल सौंपते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। हुसैन के पास से दो और शालीहीन से तीन कैप्सूल बरामद हुए। दोनों ने स्वीकार किया कि वे दुबई से आए थे और एयरपोर्ट के अंदरूनी लोगों की मदद से तस्करी कर रहे थे। जाधव की जानकारी के आधार पर डीआरआई ने पांच और विदेशी ट्रांजिट यात्रियों को रोका और उनके कब्जे से 18 अतिरिक्त कैप्सूल बरामद किए। सरकारी अनुमोदित मूल्यांकनकर्ता ने पुष्टि की कि यह 24 कैरेट सोने की धूल थी, जिसकी कुल कीमत 12,58,76,500 रुपए आंकी गई। आरोपियों ने लगभग 4.4 करोड़ रुपए के सीमा शुल्क से बचने की कोशिश की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 135(1)(ए) और 135(1)(बी) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीआरआई ने अदालत को बताया कि इस रैकेट के हवाला नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से संबंध हैं, और इस गिरोह के अन्य प्रमुख सदस्यों की तलाश जारी है। अदालती कार्यवाही के दौरान बचाव पक्ष के वकील अरुण गुप्ता ने बताया कि आरोपियों को आधी रात को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, डीआरआई आने वाले दिनों में इस अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के वित्तीय प्रवाह और हवाला चैनल की भी जांच करेगी, ताकि भारत में सोने की अवैध तस्करी के इस नेटवर्क की जड़ें काटी जा सकें।