
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पुणे पुलिस को भगोड़े गैंगस्टर नीलेश घायवाल द्वारा अवैध रूप से पासपोर्ट हासिल करने के मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हत्या और वसूली जैसे गंभीर मामलों में वांछित घायवाल के विदेश भाग जाने की आशंका जताई जा रही है, जिसके बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि घायवाल ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट प्राप्त किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा, “मैंने पुणे पुलिस आयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है या कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पुणे में रोडरेज के एक मामले में घायवाल के साथियों द्वारा एक व्यक्ति को गोली मारने की घटना सामने आई थी, जिसमें वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद घायवाल और उसके गिरोह पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई थी। घायवाल का भाई सचिन घायवाल भी हाल ही में हथियार लाइसेंस विवाद को लेकर सुर्खियों में आया था। महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम पर यह आरोप लगा कि उन्होंने पुणे पुलिस की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद सचिन घायवाल को हथियार लाइसेंस जारी करने की मंजूरी दी थी। इस विवाद पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा कि पुणे पुलिस आयुक्त ने उन्हें बताया कि गृह विभाग की ओर से भले ही मंजूरी दी गई हो, लेकिन पुणे पुलिस ने उस लाइसेंस को स्वीकृति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इस पूरे मामले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप न हो। अजित पवार ने कहा- मैं कल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ था, और उन्होंने भी स्पष्ट कहा है कि मामले में दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अब यह जांच की जा रही है कि नीलेश घायवाल को पासपोर्ट कैसे मिला, किस स्तर पर नियमों का उल्लंघन हुआ और क्या किसी ने इस संबंध में सिफारिश की थी। अजित पवार, जो पुणे जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं, ने कहा कि यह मामला कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी।