
तिरुवनंतपुरम। सबरीमला मंदिर गोल्ड प्लेटिंग विवाद ने केरल विधानसभा के अंदर और बाहर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध को भड़काया है। विधानसभा में विपक्ष के जोरदार विरोध के बाद, आज त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड मुख्यालय की ओर दो अलग-अलग मार्च निकाले गए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, क्लिफ हाउस तक मार्च निकाला। इस बीच, आरएसपी से संबद्ध श्रमिक संघ यूटीयूसी और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड कर्मचारी एवं पेंशनभोगी संघों ने भी राजधानी में विरोध रैलियाँ निकालीं। इससे पहले, युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष के आवास तक मार्च निकाला था। अलप्पुझा में, बिजली के खंभे से बंधा एक बैरिकेड गिरने के बाद कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन तनावपूर्ण हो गया। एक अन्य घटना में, प्रदर्शनकारियों ने मुरारी बाबू के कार्यालय पर गोबर का पानी डाला, जिनके रजिस्टर में कथित तौर पर सोने की परत को तांबे की परत के रूप में दर्ज किया गया था। विपक्षी नेता वीडी सतीसन ने कहा कि आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे। केपीसीसी राजनीतिक मामलों की समिति ने इस मुद्दे को एलडीएफ सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी राजनीतिक अभियान में बदलने का फैसला किया है। सबरीमला मंदिर गोल्ड प्लेटिंग विवाद को लेकर पठानमथिट्टा में 9 अक्टूबर को एक विशाल विरोध रैली का आयोजन किया जाएगा। विरोधी रैली का उद्घाटन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल करेंगे। उसी शाम, राज्य भर के कांग्रेस कार्यकर्ता मशालें जलाएंगे और प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस अलग-अलग इलाकों कासरगोड, पलक्कड़, तिरुवनंतपुरम और मुवत्तुपुझा से चार राज्यव्यापी जत्थे (विरोध मार्च) भी शुरू करेगी, जो 18 अक्टूबर को पंबा में जाकर खत्म होगा। इस बीच, भाजपा ने बुधवार को जिला स्तरीय विरोध मार्च की घोषणा की है। पीके कृष्णदास, शोभा सुरेंद्रन, कुम्मनम राजशेखरन, एम.टी.रमेश और के.सुरेंद्रन जैसे वरिष्ठ नेता अलग-अलग जिलों में प्रदर्शनों का नेतृत्व करेंगे। सोने की परत चढ़ाने का विवाद केरल में एक बड़े राजनीतिक तूफान को हवा दे रहा है, जहाँ सभी प्रमुख विपक्षी दल सरकार और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के विरोध में एकजुट हो रहे हैं।




