
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में बुधवार को वर्षा निवास पर हुई कैबिनेट इंफ्रास्ट्रक्चर समिति की बैठक में नागपुर से चंद्रपुर तक 204 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले सीमेंट-कंक्रीट राजमार्ग को मंज़ूरी दी गई। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत भूमि अधिग्रहण समेत 2353.39 करोड़ रुपये होगी। मुख्यमंत्री ने चंद्रपुर और मूल के बीच सड़क निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए और कहा कि भविष्य की परियोजनाओं में विकास का पारिस्थितिकी तंत्र ध्यान में रखकर पहले से भूमि अधिग्रहण किया जाना चाहिए।
बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं पर फोकस
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य की सभी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना अनिवार्य है, क्योंकि देरी से लागत बढ़ती है और राज्य पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 10 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ जारी हैं और इनके समय पर पूर्ण होने से अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
गतिशक्ति पोर्टल पर अनिवार्यता
अब से किसी भी बुनियादी ढाँचा कार्य की शुरुआत से पहले उसे गतिशक्ति पोर्टल पर लाना आवश्यक होगा। मुख्यमंत्री ने सिंचाई और सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण पहले करने और फिर कार्य शुरू करने पर ज़ोर दिया।
पर्यटन और आधुनिक सुविधाओं पर ध्यान
फडणवीस ने बताया कि समृद्धि राजमार्ग पर 16 स्थानों पर शौचालय, पेट्रोल पंप और फूड मॉल विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि इनमें से कम से कम चार स्थानों पर पर्यटन केंद्र बनाए जाएं।
राज्य सरकार ने बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए नए वित्तीय मॉडल पर काम करने का निर्णय लिया है, जिसमें निवेशकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी और उन्हें निश्चित पारिश्रमिक मिलेगा।
पूर्वी विदर्भ की प्रमुख सड़क परियोजनाएँ
नागपुर-चंद्रपुर राजमार्ग: 204 किलोमीटर लंबा चार लेन सीमेंट-कंक्रीट राजमार्ग, चंद्रपुर शहर को जोड़ने वाली 11 किलोमीटर सड़क, कुल लागत 2353.39 करोड़ रुपये।
नागपुर-गोंदिया एक्सप्रेसवे: 162 किलोमीटर लंबा चार लेन एक्सप्रेसवे, अनुमानित लागत 18,539 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण और लाइसेंसिंग प्रक्रिया जारी।
भंडारा-गढ़चिरौली एक्सप्रेसवे: 94 किलोमीटर लंबा चार लेन एक्सप्रेसवे, अनुमानित लागत 10,298 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण और परमिट प्रक्रिया जारी।




