
मुंबई। अहिल्यानगर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के खाद्य विभाग द्वारा 23 फरवरी 2024 को करीब 49,000 किलो सुपारी जब्त की गई थी, जिसकी बाजार कीमत 1.30 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस मामले में तत्कालीन सहायक आयुक्त भूषण मोरे पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि आर्थिक लेन-देन कर सुपारी को छोड़ने का मामला उन्हीं से जुड़ा है।
भाजपा विधायक राम कदम का पत्र
भाजपा विधायक राम कदम ने 23 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र के अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जब्त सुपारी के नमूने प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे ही नहीं गए। साथ ही, बिना लेबल वाले थैलों में माल मिलने के बावजूद तत्कालीन सहायक आयुक्त भूषण मोरे ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
जनता के स्वास्थ्य पर खतरा
आरोप है कि इस लापरवाही के चलते जब्त सुपारी दोबारा बाजार में पहुँच गई, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा हुआ। विधायक राम कदम ने कहा कि यह विभाग की विश्वसनीयता पर गहरी चोट है और इससे अपराधियों को संरक्षण मिलने का संदेश गया है। बताया जाता है कि एफडीए के आयुक्त (दक्षता) की जांच में भूषण मोरे दोषी पाए गए थे, फिर भी उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि भूषण मोरे का विवादों से पुराना नाता रहा है। ठाणे में कार्यरत रहते हुए उन पर करीब 2.75 करोड़ रुपये के गुटखा घोटाले में भी अनियमितताओं की शिकायत की गई थी। वर्तमान में भूषण मोरे मुंबई मंडल में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। विधायक राम कदम ने पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने के साथ-साथ संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक और आपराधिक कार्रवाई की मांग की है।




