
मुंबई। मुंबई पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अनजान राहगीरों, खासकर बुजुर्गों को मीठी-मीठी बातों में उलझाकर उनके सोने के गहने चोरी कर लेता था। जोगेश्वरी पुलिस ने इस मामले में पुणे से दो कुख्यात अपराधियों- रमेश विजयकुमार जायसवाल और निलेश चंद्रकांत घाग को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, जायसवाल के खिलाफ मुंबई, ठाणे और मीरा-भायंदर पुलिस थानों में धोखाधड़ी के 81 मामले दर्ज हैं, जबकि घाग पांच मामलों में शामिल रहा है। मामला 16 सितंबर को सामने आया जब जोगेश्वरी के 70 वर्षीय प्रॉपर्टी एजेंट ने शिकायत दर्ज कराई। शाम करीब 4:30 बजे रेलवे स्टेशन के पास बस स्टॉप पर दो लोगों ने उससे बातचीत की और सोने की दो अंगूठियां—जिनकी कीमत करीब 3.5 लाख रुपये थी। पर्स में सुरक्षित रखने की सलाह दी। इसी दौरान उन्होंने चालाकी से अंगूठियां गायब कर दीं और फरार हो गए।
शिकायत के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सुराग मिलने पर पुणे के हवेली इलाके से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने न सिर्फ जोगेश्वरी की वारदात कबूल की, बल्कि मुंबई और ठाणे में कई इसी तरह की घटनाओं में शामिल होने की बात भी स्वीकार की। पुलिस ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी से वाकोला, बोरीवली, कोल्शेवाड़ी, महात्मा फुले, बाजार पेठ और रामनगर पुलिस स्टेशनों में दर्ज कम से कम छह मामलों को सुलझाने में मदद मिली है। जोगेश्वरी और वाकोला की वारदातों में चोरी किए गए गहने बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने नागरिकों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों से अपील की है कि वे सड़क पर किसी अनजान व्यक्ति की सलाह पर भरोसा न करें, क्योंकि ऐसे संगठित गिरोह कमजोर और अकेले राहगीरों को निशाना बना रहे हैं।




