
मुंबई। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत उपलब्ध संपूर्ण निधि का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना तैयार की जाए। यह निर्देश बुधवार को मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में मत्स्य पालन विभाग के सचिव एन. रामास्वामी, मत्स्य पालन आयुक्त किशोर तावड़े सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। राणे ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की बड़ी राशि बुनियादी ढांचा विकास पर खर्च की जानी है। इसलिए, चल रही परियोजनाओं को फरवरी तक पूरा कर लिया जाए और पूरी राशि का समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना–2 में अब तक शुरू न हुई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शामिल करने की कार्यवाही की जाए। साथ ही, 100 प्रतिशत निधि खर्च के लिए व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं पर भी जोर दिया जाना चाहिए। मंत्री राणे ने स्पष्ट किया कि खर्च की योजना मामले-दर-मामला आधार पर बनाई जाए, ताकि अधिकतम लाभार्थी योजना का फायदा उठा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मछुआरों के हित में महाराष्ट्र समुद्री मछुआरा कल्याण निगम और महाराष्ट्र भूजल मछुआरा कल्याण निगम की स्थापना की प्रक्रिया को तत्काल गति दी जाए और इस महीने के अंत तक दोनों निगम अस्तित्व में आ जाएं। राणे ने कहा कि इन निगमों के माध्यम से मछुआरों की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाएगा और उनके कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी।




