
मुंबई। श्रीमती नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला विश्वविद्यालय (एसएनडीटी) के 75वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विद्यार्थियों को ऐसे ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जो उनके व्यक्तित्व और भविष्य को संवार सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को केवल पारंपरिक शिक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि नए शोध और नवाचार पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि जिन क्षेत्रों में भारत आयात पर निर्भर है, वहां अनुसंधान कर भविष्य में निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। समारोह में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. उज्ज्वला चक्रदेव, प्राध्यापकगण और विद्यार्थी उपस्थित थे। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विश्वविद्यालय द्वारा महिलाओं के लिए खोले गए शैक्षिक अवसरों की सराहना की और पुण्यश्लोकी अहिल्यादेवी होल्कर तथा महर्षि कर्वे के सामाजिक कार्यों को स्मरण करते हुए विद्यार्थियों के लिए आदर्श प्रस्तुत किए।
समारोह में सुमित्रा महाजन को सार्वजनिक जीवन और महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए ‘डॉक्टर ऑफ लिटरेचर’ (डी. लिट.) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में योगदान देने वाले डॉक्टरेट उपाधि धारकों तथा स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा छात्राओं को भी उपाधियाँ प्रदान कर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस वर्ष एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय को एनएएसी से ‘ए’ ग्रेड प्राप्त हुआ है। कुलपति प्रो. उज्ज्वला चक्रदेव ने अपने भाषण में विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण, अनुसंधान, सुशासन और छात्रों की समग्र प्रगति के लिए किए गए विभिन्न शैक्षणिक पहलों का विवरण दिया।





