
ठाणे। ठाणे और मुंबई के बीच यातायात की समस्या को दूर करने के लिए बनाई जा रही मेट्रो 4 (वडाला–कासरवडावली) और मेट्रो 4ए (कासरवडावली–गायमुख) लाइनें जल्द ही यात्रियों के लिए खुलने वाली हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि इस मेट्रो परियोजना के सभी चरण अक्टूबर 2026 तक पूरी तरह चालू कर दिए जाएँगे। यह रूट मेट्रो 11 (वडाला से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) से जुड़कर 58 किलोमीटर लंबी देश की सबसे बड़ी मेट्रो लाइन बनेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने सोमवार को गायमुख–कासरवडावली–विजय गार्डन प्राथमिकता खंड के तकनीकी निरीक्षण और ट्रायल रन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एवं एमएमआरडीए अध्यक्ष एकनाथ शिंदे, परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक, सांसद नरेश म्हस्के, विधायक निरंजन डावखरे, पूर्व विधायक रवींद्र फाटक, एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त डॉ. संजय मुखर्जी, ठाणे कलेक्टर श्रीकृष्ण पांचाल समेत वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक मौजूद रहे।
फडणवीस ने बताया कि घाटकोपर–मुलुंड–गायमुख मेट्रो रूट की कुल लंबाई 35 किमी है, जिसमें मेट्रो 4 की लंबाई 32 किमी और मेट्रो 4ए की लंबाई 2.88 किमी है। इस पर 32 स्टेशन होंगे और परियोजना लागत 16,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भोगरपाड़ा में 45 हेक्टेयर जमीन पर डिपो बनाया जा रहा है, जहाँ से मेट्रो 4, 4ए, 10 और 11 का संचालन होगा। यह रूट पूर्वी-पश्चिमी उपनगरों, मुंबई शहर और ठाणे को आपस में जोड़ेगा। चालू होने पर प्रतिदिन 13 लाख से अधिक यात्री इसका उपयोग कर सकेंगे, जिससे सड़क यातायात पर बोझ काफी घटेगा। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह 58 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड मेट्रो परियोजना भारत की पहली और सबसे बड़ी परियोजना है, जो ठाणे में यातायात की भीड़भाड़ की समस्या का स्थायी समाधान देगी।
तकनीकी निरीक्षण के दौरान यह समीक्षा की गई कि क्या कमिशनर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की आवश्यकताओं के अनुसार सभी प्रणालियाँ तैयार हैं। इस खंड का वायडक्ट, ट्रैक और ओवरहेड उपकरण (ओएचई) पूरी तरह बन चुके हैं। साथ ही, भार गणना, सॉफ्टवेयर कॉन्फ़िगरेशन और सुरक्षित परिचालन के लिए आवश्यक परीक्षण भी किए गए।
मेट्रो ट्रेन की विशेषताएँ:
इस रूट पर बीईएमएल द्वारा निर्मित 6 कोच वाली आधुनिक ट्रेनें चलेंगी। इनमें ट्रेन नियंत्रण और प्रबंधन प्रणाली, यात्री आपातकालीन संचार प्रणाली, स्वचालित अग्नि संसूचन, बाधा संवेदक उपकरण, आपातकालीन निकास द्वार, ऑन-बोर्ड सूचना प्रणाली और ऊर्जा-बचत पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम जैसी सुविधाएँ होंगी, जिससे लगभग 30प्रतिशत ऊर्जा की बचत होगी। एमएमआरडीए के अनुसार, प्राथमिकता खंड पर सफल निरीक्षण और परीक्षण के बाद यह परियोजना ठाणे और मुंबई के लिए एक बड़ा राहत कदम साबित होगी।