
गुवाहाटी। पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को असम पहुंचे, जहां उन्होंने 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की प्रमुख बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले कुरुवा-नरेंगी पुल की आधारशिला रखी। यह पुल क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करेगा और असम सहित पूरे पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास को नई दिशा देगा। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें मां कामाख्या की धरती पर आकर एक पवित्र अनुभूति हो रही है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का श्रेय भी मां कामाख्या के आशीर्वाद को दिया। प्रधानमंत्री ने जन्माष्टमी का उल्लेख करते हुए कहा कि लाल किले से उन्होंने चक्रधारी मोहन और श्रीकृष्ण को याद किया था और भविष्य की सुरक्षा नीति में “सुदर्शन चक्र” की परिकल्पना को रखा था। भूपेन हजारिका का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे भारत रत्न सुधाकंठा भूपेन हजारिका जी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भूपेन दा का अपमान किया है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जब भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी, तब कांग्रेस अध्यक्ष ने टिप्पणी की थी कि मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहे हैं। मोदी ने कहा कि यह न केवल असम बल्कि पूरे भारत के कला और संगीत प्रेमियों का अपमान है। पीएम मोदी ने सवाल उठाया, “देश की जनता को कांग्रेस से पूछना चाहिए कि उन्होंने भूपेन दा का अपमान क्यों किया? जब नामदार कामदार को पीटता है और कामदार दर्द से रोता है, तो उसे और प्रताड़ित किया जाता है। कामदार को कहा जाता है कि तुम्हें रोने का भी अधिकार नहीं है। क्या भूपेन दा को भारत रत्न से सम्मानित करना गलत था? या कांग्रेस की टिप्पणी सही थी? पीएम मोदी ने आगे कहा- मैं भगवान शिव का भक्त हूं। मुझे कितनी ही गालियां दें, मैं सारा जहर पी लेता हूं। लेकिन जब किसी और का अपमान होता है, तो मैं चुप नहीं बैठ सकता। अपने भाषण में मोदी ने 1962 के भारत-चीन युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस समय पंडित नेहरू के बयान ने उत्तर-पूर्व के लोगों के घाव गहरे कर दिए थे और वे आज तक नहीं भरे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि नामदार परिवार हमेशा मेहनतकशों और प्रतिभाओं को अपमानित करता आया है, लेकिन अब जनता कांग्रेस से जवाब मांग रही है। इस प्रकार असम दौरे के दौरान पीएम मोदी ने एक ओर जहां विकास परियोजनाओं की सौगात दी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को घेरते हुए भूपेन हजारिका और उत्तर-पूर्व की अस्मिता के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया।




