
लातूर। महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर राजनीति और तनाव लगातार गहराता जा रहा है। इसी बीच राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने लातूर में बड़ा बयान देते हुए कहा कि ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए पहले कुर्बानी देनी पड़ी थी और अब उसे बचाने के लिए भी कुर्बानी देनी पड़ रही है। उन्होंने साफ कहा कि सरकार ओबीसी का हक किसी भी कीमत पर छिनने नहीं देगी। भुजबल लातूर में उस युवक भरत कराड के परिवार से मिले, जिसने हाल ही में मांजरा नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने सरकार पर अन्याय करने का आरोप लगाया था। परिवार से मुलाकात के दौरान भुजबल ने उन्हें सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि ओबीसी समाज के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। लातूर आने से पहले नासिक में मीडिया से बात करते हुए भुजबल ने मराठा नेताओं को चुनौती दी कि वे आरक्षण पर अपना रुख साफ करें। उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के पास कई विद्वान लोग हैं जो मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, विधायक और सांसद रह चुके हैं। उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या समुदाय को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) या सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (SEBC) के तहत आरक्षण दिया जाना चाहिए। भुजबल ने यह भी दावा किया कि मराठा समाज पहले से ही विभिन्न प्रकार के आरक्षणों का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है और यह तथ्य रिकॉर्ड से साबित होता है। उन्होंने कहा कि वे ऐसे लोगों से जवाब की उम्मीद करते हैं जिन्हें इस मुद्दे की गहरी समझ है, न कि उन लोगों से जो बिना जानकारी के बयान देते हैं।




