
मुंबई। जल संसाधन (गोदावरी और कृष्णा बेसिन विकास निगम) मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने ‘नाबार्ड’ के अंतर्गत चल रही सिंचाई परियोजनाओं की योजना, अनुमोदन और क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन परियोजनाओं का काम अंतिम चरण में है, उन्हें प्राथमिकता देकर तय समयसीमा में पूरा किया जाए। मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजय बेलसरे, कृष्णा बेसिन विकास निगम के कार्यकारी निदेशक गुनाले, गोदावरी बेसिन विकास निगम के कार्यकारी निदेशक संतोष तिरमनवार, मुख्य अभियंता एवं संयुक्त सचिव प्रसाद नार्वेकर, संजीव तातु, अधीक्षण अभियंता प्रवीण कोल्हे और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
परियोजनाओं को पूरा करने पर ज़ोर
विखे-पाटिल ने कहा कि 2025-26 और 2026-27 में पूरी होने वाली परियोजनाओं को त्वरित गति से आगे बढ़ाते हुए इन्हें एक वर्ष में पूरा करने की योजना तैयार की जाए। ऐसी परियोजनाओं की अलग सूची बनाई जाए और कार्यों में तेजी लाई जाए ताकि सिंचाई क्षेत्र का विस्तार शीघ्र हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि उपलब्ध निधि का प्रभावी उपयोग हो और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त निधि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
नए प्रस्ताव और जल शुल्क पर बैठक
मंत्री ने निर्देश दिया कि *कोल्हापुर शैली के बांध को बैराज बांध में बदलने का प्रस्ताव तुरंत प्रस्तुत किया जाए। प्रस्तावित कार्यों, सर्वेक्षण और अन्वेषण के लिए विस्तृत योजना भी तैयार की जाए। साथ ही, नगर निगम, नगर पालिका और ग्राम पंचायत से जल शुल्क वसूली के मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों की विशेष बैठक आयोजित करने और प्रत्येक कार्यकारी अभियंता स्तर पर ‘टास्क फोर्स’ गठित करने के निर्देश दिए। बैठक में कृष्णा बाढ़ नियंत्रण परियोजना समेत निर्माण, प्रबंधन, यांत्रिक, विद्युत और गुणवत्ता नियंत्रण शाखाओं को मिलाकर संगठनात्मक पुनर्गठन करने का भी प्रस्ताव सामने आया। इसमें नहर निरीक्षक, लेखाकार और कार्यालय क्लर्क (क्लास-3) जैसे पदों की लंबित मांगों की समीक्षा की गई।




