
मुंबई। रेलवे पुलिस पर लगातार उठ रहे सवालों और जबरन वसूली के मामलों में संलिप्तता सामने आने के बाद कार्रवाई का सिलसिला तेज हो गया है। 9 सितंबर को आठ और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) कर्मियों को विभिन्न रेलवे स्टेशनों से स्थानांतरित कर घाटकोपर स्थित जीआरपी मुख्यालय भेजा गया। यह निर्णय मुंबई रेलवे के आयुक्त राकेश कलासागर ने लिया। स्थानांतरित किए गए कर्मियों में हेड कांस्टेबल सुजाता गायकवाड़ भी शामिल हैं, जो बोरीवली रेलवे स्टेशन पर तैनात थीं। वे सहायक पुलिस उप-निरीक्षक विजया इंगवाले की सगी बहन हैं। इंगवाले को निजी व्यक्तियों के साथ सांठगांठ कर बांद्रा रेलवे टर्मिनस पर जबरन वसूली रैकेट चलाने के आरोप में पहले ही निलंबित और गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक 13 जीआरपी कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। इनमें से चार पर जबरन वसूली का मामला दर्ज हुआ है, जबकि 16 को मुंबई के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से जीआरपी मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया है। 5 सितंबर को आठ कर्मियों को वसई, बोरीवली, अंधेरी और बांद्रा से घाटकोपर मुख्यालय भेजा गया था। 9 सितंबर को फिर आठ अन्य कर्मियों को स्थानांतरित कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, यह जबरन वसूली गिरोह खासतौर पर लंबी दूरी के यात्रियों को निशाना बनाता था। मुंबई सेंट्रल, दादर, कुर्ला, बांद्रा टर्मिनस, बोरीवली, ठाणे, कल्याण और पनवेल जैसे स्टेशनों पर लगेज चेकपोस्ट पर यात्रियों को रोका जाता। फिर उन्हें बिना सीसीटीवी कवरेज वाले जीआरपी कमरों में ले जाकर कीमती सामान का स्वामित्व साबित करने का दबाव बनाया जाता। सामान खोने या जेल भेजने की धमकी से डरकर यात्री रिश्वत देने को मजबूर हो जाते थे। हाल ही में मुंबई सेंट्रल, बांद्रा और वसई में जबरन वसूली की तीन घटनाएँ सामने आई हैं, जिनके बाद यह कार्रवाई की गई है।