
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल माध्यम से सुगमता से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है, जिससे उनके काम और व्यवसाय को बढ़ावा मिले। प्रधानमंत्री ने बिहार की माताओं और बहनों को इस योजना के लिए बधाई दी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित राज्य सरकार की सराहना की। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सशक्त महिलाएं विकसित भारत की आधारशिला हैं। उन्होंने सरकार की कई पहलें गिनाईं- शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर जल, आयुष्मान भारत योजना, मुफ्त राशन वितरण, लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी जैसी योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये प्रयास माताओं, बहनों और बेटियों के जीवन को सुगम बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़े कदम हैं। प्रधानमंत्री ने बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का उल्लेख करते हुए हाल ही में विपक्षी मंच से उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर गहरी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा- यह अपमान केवल मेरी मां का नहीं, बल्कि देश की हर मां, बहन और बेटी का अपमान है। उन्होंने बिहार के लोगों से आग्रह किया कि वे महिलाओं के प्रति ऐसी मानसिकता को अस्वीकार करें और मातृशक्ति के सम्मान की रक्षा करें। श्री मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनके शासनकाल में बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार और महिलाओं के प्रति असुरक्षा का माहौल था। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपमानित करने और उनके सशक्तिकरण का विरोध करने वाली मानसिकता को जनता को पहचानना चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नवरात्रि और छठ जैसे पर्व मातृशक्ति की पूजा और सम्मान के प्रतीक हैं, और ऐसे समय में माताओं का अपमान अस्वीकार्य है। उन्होंने विपक्षी दलों से इस कृत्य के लिए छठी मैया और सतबहिनी से क्षमा मांगने का आह्वान किया। अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” का नारा दिया और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आशीर्वाद और जनता के सहयोग से भारत को आत्मनिर्भरता के पथ पर और आगे ले जाया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।