
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आई भीषण बाढ़ के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को जम्मू पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने तवी पुल और बिक्रम चौक का दौरा कर बाढ़ से हुई तबाही का आकलन किया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, विपक्ष के नेता सुनील शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। तवी पुल को बाढ़ से भारी क्षति पहुँची है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित समुदायों को त्वरित राहत, वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। शाह ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश और सभी एजेंसियों ने समन्वित प्रयासों से संभावित नुकसान को काफी हद तक कम किया है और कई लोगों की जान बचाई है।
नुकसान का आकलन और आपदा प्रबंधन पर बल
गृह मंत्री ने गृह मंत्रालय (एमएचए) को निर्देश दिया कि मौसम विभाग और एनडीएमए के साथ मिलकर बादल फटने की प्रवृत्तियों और नमी के स्तर का वैज्ञानिक अध्ययन करें तथा प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करें। उन्होंने डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाने पर ज़ोर दिया। गृह मंत्रालय की उन्नत सर्वेक्षण टीमें क्षति का आकलन कर रही हैं और जल्द ही केंद्र व केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। शाह ने घोषणा की कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के लिए 209 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। क्षतिग्रस्त घरों और निजी संपत्ति के लिए सहायता का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकांश सड़कों पर यातायात बहाल हो चुका है, प्रभावित क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक बिजली आपूर्ति फिर से शुरू कर दी गई है और पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ की 17 टीमें, सेना की 23 टुकड़ियां, भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल लगातार बचाव और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।