
मुंबई। मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन के बीच एक नई स्थिति सामने आई। रविवार दोपहर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल से मिलने आजाद मैदान पहुंचीं। उन्होंने जरांगे के स्वास्थ्य का हालचाल लिया और आरक्षण की लड़ाई में समर्थन देने का आश्वासन दिया। लेकिन उनके लौटते समय कुछ मराठा प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार को घेर लिया और रास्ता रोका। इस घटना से आंदोलन स्थल पर हलचल मच गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने अपने समर्थकों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि किसी भी नेता के साथ दुर्व्यवहार आंदोलन के उद्देश्य को कमजोर करेगा। उन्होंने कहा- अपने मंच पर आए अपने दुश्मन का सम्मान करना सीखो। वरना यहाँ कोई नहीं आएगा। अगर आप किसी नेता के आने पर हंगामा करेंगे, तो कोई आपके पास नहीं आएगा। चाहे वह विपक्ष का हो या भाजपा का, जब तक सह सकते हो, उसका सम्मान करो। जरांगे ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक व्यवहार करने और नेताओं का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आरक्षण की लड़ाई धैर्य से जीती जाएगी, न कि उग्रता से। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता को अपमानित करने से आंदोलन की गंभीरता पर प्रश्नचिह्न लग सकता है। उन्होंने समुद्र की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को भी रोकते हुए कहा- समुद्र में मत जाओ। खारा पानी शरीर के लिए अच्छा नहीं है। हमारे लिए हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है। तुरंत घर लौट जाओ। मनोज जरांगे की यह अपील ऐसे समय आई है जब मराठा आंदोलन की दिशा और स्वरूप को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो रही है और विभिन्न दल इसमें अपनी-अपनी भूमिका तलाश रहे हैं।