
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह उनके आवास पर साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ, जिसमें उनके हाथ और सिर में चोटें आईं। इस चौंकाने वाली घटना से राजनीतिक हलकों में आक्रोश फैल गया है। विपक्षी और सहयोगी दलों के नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सुरक्षा चूक की गहन जाँच की माँग की है। एनसीपी-एसपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा- लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके ही प्रबल होने चाहिए। रेखा गुप्ता जी पर हमला न केवल नेताओं को डराता है बल्कि जनता के विश्वास को भी कमजोर करता है। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, मूल रूप से गुजरात के राजकोट निवासी 40 वर्षीय राजेश सकरिया नामक व्यक्ति जनसुनवाई के दौरान कुछ कागज़ लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुँचा और अचानक हिंसक हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उसने पहले गुप्ता को थप्पड़ मारा, फिर धक्का देकर उनके बाल खींचे। सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल उसे काबू में कर लिया। उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में यह हमला दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़े गुस्से की वजह से हुआ हो सकता है। आरोपी की माँ ने कहा कि उसका बेटा कुत्तों का बहुत बड़ा प्रेमी है और फैसले से नाराज़ था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जो सीसीटीवी फुटेज साझा किया है, उससे संकेत मिलता है कि हमला “पूर्व-नियोजित” था। बताया जाता है कि आरोपी ने एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री आवास की रेकी की थी। इस बीच, दिल्ली पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह ने सुरक्षा उल्लंघन की जाँच का जिम्मा अपने हाथ में लिया है और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि राजनीतिक साज़िश समेत सभी पहलुओं की पड़ताल की जाएगी।