
मुंबई। सत्र न्यायालय ने बोरीवली निवासी 55 वर्षीय राजेश पंचाल की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। पंचाल पर आरोप है कि वह मार्च में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) द्वारा पकड़े गए मानव तस्करी नेटवर्क का मुख्य संचालक है और जाली पासपोर्ट व वीज़ा का इस्तेमाल कर अब तक लगभग 80 लोगों को यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों सहित कई देशों में भेज चुका है। अग्रिम ज़मानत की माँग करते हुए पंचाल ने अदालत को बताया कि सह-आरोपी के बयान के आधार पर उन्हें झूठा फँसाया गया है। उन्होंने आरोपों को “निराधार और दुर्भावनापूर्ण” बताया और कहा कि अन्य सह-आरोपी पहले ही ज़मानत पा चुके हैं। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पंचाल ने जाँच में सहयोग नहीं किया है। उनकी ज़मानत याचिका पहले भी 3 मई को खारिज की जा चुकी थी और इसके बावजूद वह केवल दो बार ही जाँच अधिकारी के समक्ष पेश हुए। गिरफ्तार आरोपी रोशन दुधवडकर ने अदालत में बयान दिया कि वह पंचाल के लिए काम करता था। उसने यह भी बताया कि पंचाल फर्जी पासपोर्ट और वीज़ा उपलब्ध कराता था तथा विदेश भेजे गए प्रत्येक व्यक्ति से 30-50 लाख रुपये लेता था।