
रायगढ़। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के कर्जत तालुका में नदी के किनारों और पहाड़ियों पर अवैध विस्फोटों की शिकायतों पर जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। पर्यावरण प्रहरी संगठन नेटकनेक्ट फाउंडेशन द्वारा उठाए गए मुद्दे पर प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसका सख्ती से ध्यान रखा जाएगा। मामला तब उभरा जब मई में मीडिया रिपोर्टों और ग्रामीणों की शिकायतों में बताया गया कि भक्तवाड़ी और शिंगडोल-अंबावली क्षेत्रों में मिट्टी और पत्थर निकालने के लिए अवैध रूप से जिलेटिन की छड़ों और कच्चे बमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक स्थानीय निवासी द्वारा विरोध दर्ज कराने पर खदान संचालकों ने कथित तौर पर उसके घर के पास धमाके किए, जिससे आसपास की खिड़कियां तक हिल गईं। नेटकनेक्ट के निदेशक बी.एन. कुमार ने यह शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाई, जिसके बाद सीएम कार्यालय ने रायगढ़ कलेक्टर को जांच का आदेश दिया। इस पर तहसीलदार और कार्यपालक मजिस्ट्रेट धनंजय जाधव ने स्थल निरीक्षण कर बताया कि मानसून के चलते नदी उफान पर है और वर्तमान में किसी तरह के विस्फोट की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि भविष्य में यदि खनन या अवैध विस्फोट का मामला सामने आता है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय कार्यकर्ताओं के अनुसार, दो समुदायों के लोग ही अवैध उत्खनन के लिए जिम्मेदार हैं, जो पत्थर निकालने के लिए विस्फोटकों और भारी मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। इन गतिविधियों के कारण नदी किनारे तक जेसीबी के लिए रास्ते बनाने हेतु पेड़ों की कटाई, मिट्टी की अवैध खुदाई और लगातार विस्फोटों से नदी के जल स्तर और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। नेटकनेक्ट का कहना है कि विस्फोटों से बने गड्ढों में पानी भर रहा है और यह पर्यावरण व पारिस्थितिकी संतुलन के लिए बेहद खतरनाक है। संगठन ने सरकार से मांग की है कि इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।