
मुंबई। मुंबई में झुग्गी-मुक्त और तेज़ पुनर्विकास के सपने को साकार करने के लिए लंबी खिंचने वाली परियोजनाओं के बजाय तय समयसीमा में काम पूरा करना ज़रूरी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि परियोजना शुरू होते ही डेढ़ साल में प्लॉट तैयार कर, अगले एक वर्ष में पुनर्वास भवन बनाना ही सही मॉडल होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह बदलाव नए विचारों, आधुनिक तकनीक और नवाचार के ज़रिए संभव है। मुख्यमंत्री क्रेडाई-एमसीएचआई के ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह में बोल रहे थे, जहां सुखराज नाहर ने अध्यक्ष पद संभाला। इस मौके पर रियल एस्टेट जगत के अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
मुंबई में बड़े पैमाने पर पुनर्विकास
फडणवीस ने बताया कि बीडीडी चॉल पुनर्विकास का पहला चरण पूरा कर लोगों को आवास दे दिया गया है। 161 वर्ग फुट के मकानों में एक सदी तक रहने वाले परिवारों को अब 500 वर्ग फुट का घर मिला है। यह एशिया की सबसे बड़ी शहरी पुनर्विकास परियोजना है। उन्होंने कहा कि झुग्गी-झोपड़ियों और क्लस्टर विकास में भी बड़े अवसर हैं, और मुंबई आज विश्वस्तरीय वास्तुकला और सुविधाओं का केंद्र बन रहा है।
तेज़ निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई तकनीकों से अब 120 दिनों में 80 मंजिला इमारत बनाई जा सकती है। बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है और दो वर्षों में तैयार होगा। इसे दहिसर और भायंदर तक बढ़ाने की योजना है। वेस्टर्न एक्सप्रेसवे के समानांतर भयंदर-विरार से वधान बंदरगाह तक नया संपर्क मार्ग भी बनाया जा रहा है, जिससे उत्तर मुंबई रियल एस्टेट उद्योग के लिए खुल जाएगा। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र रेरा लागू करने वाला पहला राज्य है। एमसीएचआई के सुझावों से रेरा अधिनियम को और प्रभावी बनाया गया, जिससे ग्राहकों का विश्वास बढ़ा। एमसीएचआई की प्रदर्शनी देश की सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है, जहां नियामक, वित्तीय संस्थान और डेवलपर्स एक मंच पर आते हैं। अटल सेतु ने ‘थर्ड मुंबई’ का रास्ता खोल दिया है। यहां 300 एकड़ में एडु सिटी बनेगी, जो नए मुंबई हवाईअड्डे के पास होगी। केंद्र सरकार ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में आने की अनुमति दी है। 12 शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालय यहां स्थापित होंगे, जिनमें से सात के साथ एमओयू हो चुका है। एक लाख आवासीय छात्रों के साथ यह क्षेत्र आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।




