
मुंबई। मुंबई के कफ परेड में आयोजित भारतीय बीमा दलाल संघ (आईबीएआई) के रजत जयंती समारोह में राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन ने कहा कि बीमा केवल एक वित्तीय उत्पाद नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय स्थिरता का आवश्यक माध्यम है। उन्होंने कहा कि बीमा संस्थाओं को नागरिकों को केवल पॉलिसियाँ बेचने के बजाय जागरूकता, सरल जानकारी और विश्वसनीय सेवाएँ देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। समारोह में आईबीएआई के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार भारिंदवाल, उपाध्यक्ष मोहन एस., सचिव निर्मल बजाज, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के सदस्य सत्यजीत त्रिपाठी, बीमा समिति की सदस्य श्रीमती टी.एल. अलामेलु, राज्यपाल के उप सचिव एस. राममूर्ति सहित सरकार व वित्तीय क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। राज्यपाल ने बीमा दलालों को बीमित व्यक्ति और बीमा कंपनी के बीच की कड़ी बताते हुए कहा कि ये ग्राहक-केंद्रित समाधान उपलब्ध कराते हैं। भारत जिस गति से $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है, उसमें बीमा सेवाओं, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र में, अत्यधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र को डेटा-संचालित, ग्राहक-केन्द्रित और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणास्रोत बनाया जा सकता है। राज्यपाल राधाकृष्णन ने विश्वविद्यालय स्तर पर बीमा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने की मंशा जताई, ताकि युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकें और बीमा क्षेत्र में दक्षता विकसित हो। उन्होंने आईबीएआई से आग्रह किया कि वह ज्ञान साझाकरण, डेटा एनालिटिक्स और ग्राहक सूचीकरण जैसे भविष्यमुखी क्षेत्रों में भी सक्रिय भागीदारी करे। समारोह में आईबीएआई की 25 वर्षों की यात्रा पर आधारित स्मारिका और रजत जयंती लोगो का अनावरण किया गया। इस अवसर पर सत्यजीत त्रिपाठी और श्रीमती अलामेलु ने भी बीमा क्षेत्र की नीतियों और नवाचार की आवश्यकता पर विचार साझा किए। अध्यक्ष श्री भरिंदवाल ने संघ का परिचय प्रस्तुत किया और सचिव निर्मल बजाज ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
