
मुंबई। शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 74 वर्षीय सेवानिवृत्त ओएनजीसी कर्मचारी को 60.26 लाख रुपए की साइबर ठगी का शिकार बनाया गया। डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन की साइबर सेल ने इस जालसाज़ी का पर्दाफाश करते हुए गुजरात के सूरत और गिर सोमनाथ जिलों से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, पीड़ित को अप्रैल 2024 में एक व्हाट्सएप मैसेज के ज़रिए अनजान लोगों ने संपर्क किया और एक लिंक भेजकर ट्रेडिंग एप पर रजिस्टर करने के लिए प्रेरित किया। आरोपियों ने उसे शेयर बाजार में निवेश के बदले भारी लाभ का लालच दिया। झाँसे में आए वरिष्ठ नागरिक ने 29 अप्रैल से शुरू होकर कई किश्तों में 60.26 लाख रुपए की राशि विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। लेकिन तय लाभ तो मिला नहीं, बल्कि संपर्क भी कट गया। ठगे जाने का एहसास होने पर पीड़ित ने डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही पुलिस की साइबर टीम ने बैंकिंग लेन-देन और कॉल डेटा रिकॉर्ड का तकनीकी विश्लेषण शुरू किया। जांच में पाया गया कि 60.26 लाख रुपए में से 18.24 लाख रुपए तुरंत अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। पुलिस ने जाल बिछाकर गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के वेरावल और गिरगाधड़ा तथा सूरत शहर के पर्वत पाटिया और कतारगाम से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में जावेदभाई मोहम्मदभाई सुमारा (40), जिग्नेश मोहनभाई कलसारिया (27), महादेव जसुभाई गेढिया (30) और रवि रामजीभाई आघिया (36) शामिल हैं। ये सभी आरोपी पेशेवर साइबर जालसाज हैं, जो अलग-अलग फर्जी खातों और मोबाइल नंबरों के ज़रिए निवेश के नाम पर लोगों को ठगते थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहाँ उन्हें 17 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) और 319(2), तथा आईटी अधिनियम की धारा 66(सी) और 66(डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों और ठगी की राशि की बरामदगी के प्रयास जारी हैं। इस मामले से यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधी अब वरिष्ठ नागरिकों को भी सुनियोजित तरीके से अपना निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक, कॉल या निवेश के झांसे में न आएं और सतर्क रहें।