
मुंबई। आगामी नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिर्डी हवाई अड्डे को पूरी क्षमता से सक्रिय करने के लिए इसके नवीनीकरण और विस्तार कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। विधान भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने शिर्डी और पुरंदर हवाई अड्डों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिर्डी एयरपोर्ट मुंबई और नवी मुंबई के हवाई अड्डों के लिए वैकल्पिक विकल्प बन सकता है, और इसलिए इसके बुनियादी ढांचे को समय पर मजबूत किया जाना अत्यंत आवश्यक है। बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जलसंपदा मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय सेठी, एमआईडीसी के सीईओ पी. वेलरासू, पुणे के विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, अहमदनगर के जिलाधिकारी डॉ. पंकज आशिया, महाराष्ट्र हवाई अड्डा विकास प्राधिकरण (MADC) की एमडी स्वाति पांडे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिर्डी हवाई अड्डे पर प्रस्तावित नई एटीसी बिल्डिंग, एकीकृत मालवाहन केंद्र और नया टर्मिनल भवन जैसे कार्य कुंभ मेले से पहले हर हाल में पूर्ण किए जाएं। इसके लिए मानव संसाधन बढ़ाने सहित सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। उन्होंने स्ट्रक्चरल डिज़ाइन और संबंधित खरीद प्रक्रिया को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि शिर्डी एयरपोर्ट की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह छोटे विमानों की पार्किंग के लिए एक उपयुक्त स्थल बन सकता है। इसके लिए यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण भी किया जाए। वहीं, पुरंदर हवाई अड्डे को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है, अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए ताकि निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ किया जा सके। इस हवाई अड्डे से राज्य में हवाई कनेक्टिविटी को नई गति मिलेगी। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने निर्देश दिए कि पुरंदर हवाई अड्डे पर बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए, साथ ही विमान हैंगर की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो। बैठक के दौरान MADC की उपाध्यक्ष स्वाति पांडे ने दोनों हवाई अड्डों पर चल रहे कार्यों की प्रस्तुति दी, जबकि सलाहकार और ठेकेदार कंपनियों के प्रतिनिधियों ने तकनीकी विवरण साझा किए। सरकार की इस सक्रियता से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र आने वाले वर्षों में अपने हवाई बुनियादी ढांचे को आधुनिक और व्यावसायिक दृष्टि से सक्षम बनाकर पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाई देने की दिशा में गंभीरता से अग्रसर है।