
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र जहां कई अहम मुद्दों पर बहस के लिए चल रहा है, वहीं अब यह सत्र राजनीतिक कटुता और व्यक्तिगत टकराव का अखाड़ा बनता जा रहा है। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस बार मामला संसद तक सीमित न रहकर विधान भवन परिसर में झड़प तक पहुंच गया है।
आव्हाड बनाम पडलकर: सियासी जंग से निजी टकराव तक
गुरुवार को बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच विधानसभा भवन परिसर में झड़प हो गई। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस और गाली-गलौज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। तनाव की शुरुआत कुछ दिन पहले तब हुई जब आव्हाड ने विधान भवन में जाते वक्त बिना नाम लिए नारा लगाया। “मंगलसूत्र चोर का…”, जो सीधे तौर पर पडलकर पर तंज माने जा रहे हैं। इसके बाद पडलकर और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कड़ा पलटवार किया। दोनों गुटों में सोशल मीडिया से शुरू हुआ वाक्युद्ध अब फिजिकल टकराव में तब्दील हो गया।
आव्हाड का आरोप: जान से मारने की धमकी मिली
घटना के बाद जितेंद्र आव्हाड ने कहा- अगर विधायक विधानसभा के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर विधायक क्यों बने रहें? मुझे जान से मारने की धमकी दी गई है। पूरे महाराष्ट्र ने देखा कि हमला किसने किया, लेकिन हमसे ही बार-बार सबूत मांगे जा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे का तीखा बयान
इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा-अगर विधान भवन में ऐसी घटनाओं को होने दिया जाएगा, तो फिर इसका क्या महत्व रह जाएगा? यह कोई आम सड़क नहीं, बल्कि लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। जिन लोगों ने इन असामाजिक तत्वों को विधानसभा परिसर में घुसने के लिए पास दिया, उन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या है ‘मंगलसूत्र चोर’ विवाद?
‘मंगलसूत्र चोर’ नारा महिला मतदाताओं और सुरक्षा से जुड़े एक पुराने राजनीतिक बयान पर तंज माना जा रहा है, जिसमें महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर भाजपा नेताओं की भूमिका पर आव्हाड ने सवाल उठाए थे। यह तंज सीधे तौर पर गोपीचंद पडलकर के एक पुराने बयान से जुड़ा हुआ है।