
मुंबई। महाराष्ट्र के समाज कल्याण मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय शिरसाट को आयकर विभाग ने उनकी संपत्ति में असामान्य वृद्धि को लेकर नोटिस भेजा है। यह नोटिस 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में दाखिल शपथ पत्रों में बताई गई संपत्ति की तुलना में अंतर पर आधारित है। शिरसाट ने मीडिया से बात करते हुए खुद इस नोटिस की पुष्टि की और बताया कि उन्होंने जवाब देने के लिए 9 जुलाई तक का समय मांगा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि, “एजेंसी अपना काम कर रही है। मैंने अपने 2024 के शपथ पत्र में दी गई संपत्ति की जानकारी के आधार पर ही जवाब तैयार किया है। मुझे इस प्रक्रिया में कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे डॉ. श्रीकांत शिंदे को भी आयकर नोटिस भेजी गई है, जिसे संजय शिरसाट ने पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, “मैंने श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिलने की कोई जानकारी नहीं दी है। कुछ चैनल मेरे नाम से झूठी खबरें चला रहे हैं, जिससे जनता को भ्रमित किया जा रहा है। मैं मीडिया से अपील करता हूँ कि मेरे नाम पर भ्रामक सूचना न फैलाई जाए।”
मामला क्या है?:
यह विवाद छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के विट्स होटल लिलाव प्रकरण से भी जुड़ा बताया जा रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि होटल की वास्तविक बाजार कीमत 110 करोड़ रुपये होने के बावजूद इसे 67 करोड़ रुपये में खरीदा गया, जिसमें मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत शिरसाट और पत्नी विजया शिरसाट की भागीदारी थी।विवाद बढ़ने पर शिरसाट ने यह कहते हुए टेंडर प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया था कि वह किसी तरह का संदेह पैदा नहीं करना चाहते। लेकिन विपक्ष ने इसे नीतिगत भ्रष्टाचार का उदाहरण बताते हुए मानसून सत्र में मुद्दा उठाया। इसी बीच, आयकर विभाग की नोटिस ने इस पूरे मामले को नई राजनीतिक धार दे दी है।