
मुंबई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े 122 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में फरार चल रहे हरेन और गौरी भानु को कानूनी शिकंजे में लेने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। बुधवार देर रात दक्षिण मुंबई के भूलाभाई देसाई रोड स्थित श्याम निवास में उनके फ्लैट के दरवाजे पर ‘घोषित अपराधी’ (Proclaimed Offender) का नोटिस चस्पा किया गया।
कोर्ट में पेश न होने पर जब्त होगी संपत्ति
इस नोटिस में भानु दंपत्ति को 19 अप्रैल 2025 की सुबह 11 बजे कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर वे अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उनकी सारी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी, “जब पुलिस की टीम फ्लैट नंबर 53 पर पहुंची, तो घर बंद था। ऐसे में कानूनी प्रक्रिया के तहत दरवाजे पर भगोड़ा घोषित करने वाला नोटिस चिपका दिया गया।
वकीलों के ज़रिए सफाई, लेकिन जांच में मिली भागीदारी
भानु दंपत्ति-हिरेन और गौरी, जो बैंक के पूर्व अध्यक्ष और उपाध्यक्ष रह चुके हैं, ने पहले अपने वकीलों के जरिए पुलिस को लिखित बयान भेजकर खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की अनुमति भी मांगी थी, जिसे ईओडब्ल्यू ने अस्वीकार कर दिया। ईओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया है कि दंपत्ति ने गिरफ्तार मुख्य आरोपी हितेश मेहता के साथ मिलकर यह घोटाला अंजाम दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, घोटाले में हिरेन भानु को 26 करोड़ रुपये और गौरी भानु को 2 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
वकीलों को दी गई जानकारी
पुलिस ने दंपत्ति के वकीलों को भी इस नोटिस की जानकारी दे दी है, ताकि किसी भी कानूनी बहाने के जरिए वे अदालत से अनुपस्थित न हो सकें। यह मामला मुंबई में वित्तीय धोखाधड़ी और सहकारी बैंकों में उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बन चुका है। अब देखना होगा कि 19 अप्रैल को दंपत्ति अदालत में पेश होते हैं या उन्हें भगोड़ा घोषित कर संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू होती है।