
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर भारत संघ को नोटिस जारी किया है, जिसमें उसने 1993 के बंबई बम विस्फोट मामले में 25 वर्ष से अधिक की सजा काटने के बाद अपनी सजा में छूट और जेल से समयपूर्व रिहाई की मांग की है। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस.एम.मोदक की खंडपीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए, सलेम को अपनी याचिका में संशोधन कर मामले में भारत संघ को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी तथा नए जोड़े गए प्रतिवादी को भी नोटिस जारी किया। न्यायालय ने राज्य सरकार से भी जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च के लिए स्थगित कर दी है। 1993 के बम विस्फोटों के दोषी गैंगस्टर अबू सलेम ने अपनी सजा में छूट और जेल से समय से पहले रिहाई की मांग करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अनुसार, वह पहले ही जेल में 25 साल की सजा पूरी कर चुका है और इसलिए उसे जेल से रिहा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उनकी याचिका में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के दौरान दिए गए आश्वासनों के उल्लंघन के बारे में चिंता जताई गई है।