
मुंबई। महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन टाइगर’ को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। उद्योग मंत्री उदय सामंत के इस दावे के बाद कि “पुराने साथी एक के बाद एक शिवसेना में लौटेंगे,” राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी बीच, रत्नागिरी जिले के पूर्व विधायक राजन साल्वी ने उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए, जिससे चर्चा और तेज हो गई।
संजय राउत का पलटवार – “हमें दो घंटे के लिए ईडी दे दो”
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने ‘ऑपरेशन टाइगर’ को लेकर महायुति सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। राउत ने कहा, यह कैसा ऑपरेशन टाइगर है? उनके पास सत्ता और सरकारी मशीनरी है, इसलिए वे जबरन नेताओं को अपनी ओर खींच रहे हैं। हमें बस दो घंटे के लिए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) दे दो, फिर देखो कि अमित शाह भी हमारी पार्टी में शामिल होते हैं या नहीं!”=
भास्कर जाधव को लेकर अटकलें, राउत ने किया खारिज
राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता भास्कर जाधव पार्टी से नाराज हैं। इस पर सफाई देते हुए राउत ने कहा कि वे किसी शादी समारोह के कारण बैठक में नहीं आ सके, लेकिन ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा, भास्कर जाधव हमारे वरिष्ठ नेता हैं और पूरी तरह संपर्क में हैं। उनके रुख पर पार्टी के भीतर चर्चा हो रही है, लेकिन वे नाखुश नहीं हैं। रामदास कदम ने हाल ही में कहा था कि “अगर मैंने अपना मुंह खोला तो उद्धव ठाकरे को देश छोड़कर भागना पड़ेगा।” इस पर संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, अगर वे ऐसा कहते हैं, तो क्या हमारे पास बोलने के लिए मुंह नहीं है? उद्धव ठाकरे ने उन्हें विधान परिषद भेजा था, लेकिन उनमें कृतज्ञता नहीं है। अगर उनमें मानवता होती, तो वे ऐसी बातें नहीं कहते। संजय राउत ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ पर सरकार को घेरा। उन्होंने दावा किया कि सरकार मौतों का आंकड़ा छुपा रही है। राउत ने कहा, प्रयागराज में कई लोग कुचलकर मर गए। 7000 से अधिक लोग लापता हैं। सरकार कह रही है कि दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार यह संख्या 100 से 130 के बीच है।
क्या ‘ऑपरेशन टाइगर’ से बदलेंगे समीकरण?
‘ऑपरेशन टाइगर’ के तहत शिवसेना (शिंदे गुट) अपने पुराने नेताओं को वापस लाने की कोशिश कर रहा है। अगर यह रणनीति सफल होती है, तो महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। हालांकि, उद्धव ठाकरे गुट इसे “राजनीतिक दबाव” और “सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग” का नाम दे रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में कौन-कौन ‘टाइगर’ बनेगा और कौन ‘शिकार’!