
पिछले १८ सालों से झोपड़ी धारकों का कर रहा शोषण!
२६ हजार झोपड़ियों का विकास करने का किया था वादा, ४ हजार का लोगों का भी नहीं कर सका विकास
सवालों के घेरे में सीईओ महेंद्र कल्याणकर की कार्यप्रणाली?
मुंबई। मुंबई को झोपड़पट्टी मुक्त बनाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (एसआरए) की स्थापना की। लेकिन शिवालिक वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेर्ड जैसे विकासक इस योजना को गरीबों के लिए एक दुःस्वप्न बना रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे शिवालिक वेंचर्स २००६ से सांताक्रुज़ पूर्व के गोलीबार क्षेत्र के झोपड़ीधारकों के झोपड़ियों को अजगर की तरह निगल रहा है। कितने लोग पक्के घर का सपना देखते देखते परलोक चले गए। २६,००० झोपड़ियों का १० वर्षों में पुनर्वसन करने का वादा करने वाले इस विकासक ने १८ वर्षों में भी ४,००० लोगों को पक्के घर नहीं दिए। यही नहीं, तोड़ी गई झोपड़ियों के निवासियों को वादा किया गया किराया भी नहीं दिया गया। शिवालिक वेंचर्स ने झू’े दावे कर सरकार को गुमराह किया और गरीब झोपड़ीधारकों को उनके सपनों के घर से दूर रखा। यूनिटेक से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसी यह कंपनी अब तक हजारों गरीब परिवारों की उम्मीदों को कुचल रही है। शिकायतों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे ने भी रहिवासियों को आश्वासन दिया था, लेकिन शिवालिक वेंचर्स के सामने उनकी एक नहीं चली। आखिर कब इस विकासक से लोगों को मुक्ति मिलेगी?
फर्जी तरीके से हासिल किया ३के के तहत स्पेशल पावर
२००६ में स्थानीय रहिवासियों को सुनहरे सपने दिखाकर सांताक्रूज (पूर्व) गोलीबार एसआरए योजना के तहत शिवालिक वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने काम शुरू किया। २००८ में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के कार्यकाल में, इस विकासक ने २६,००० झोपड़ीधारकों को जल्दी पुनर्विकास का झूठा वादा कर स्पेशल पावर ३(के) हासिल कर लिया। इस दौरान डिफेंस लैंड को बिना एनओसी के योजना में शामिल किया गया और सरकार को धोखे में रखा गया, जो आज भी जांच का विषय है। जिसे रद्द करने की मांग सालों से रहिवासी कर रहे है। इस अधिकार के चलते २००८ के मुताबिक २६ हजार झोपड़ों का विकास रुका हुआ है। शासन-प्रशासन से शिकायतों के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। १८ सालों से लोग शोषण का शिकार हो रहे हैं।
१४ साल से ट्रांजिट कैंप में नारकीय जीवन जी रहे लोग
विकासक ने झोपड्पट्टी रहिवासियों के लिए ४ ट्रांजिट कैंप बनाया जो जर्जर हालत में है। जिसमें गोलीबार म्हाड़ा भूखंड पर (शिवशक्ति बिल्डिंग के पास), इन्दिरा बीएमसी फिश मार्केट, बीएमसी पंपिंग हाउस के पास व अमन बिल्डिंग के पास है। लगभग सभी ट्रांजिट कैंप १४ साल के ऊपर हो गया हैं जिनमें लगभग ७५०लोग पिछले १४ साल से जर्जर हो चुके ट्रांजिट कैंप में अपनी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। भ्रष्ट विकासक शिवालिक वेंचर्स ने पक्के घर का सपना दिखाकर उन्हें उनकी झोपड़ियों से बेघर कर दिया। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ईडी ने यूनिटेक ग्रुप के खिलाफ मनी
लॉन्ड्रिंग मामले में शिवालिक ग्रुप आरोपी और इस प्रोजेक्ट के कुछ भूखंड को ईडी ने अपने कब्जे में भी लिया है। ऐसे विकासक को महाराष्ट्र कि पूर्व सरकारों ने संरक्षण देकर लोगो के विकास के साथ खिलवाड़ किया है। वहीं कहने के लिए एसआरए व म्हाड़ा में बैठे सक्षम प्राधिकारी, कहने के लिए जनता के नौकर है, केवल विकासक के इशारे पर काम कर रहा है। विकासक ने रहिवासियों का ही नहीं बल्कि म्हाड़ा व बीएमसी का भी करोड़ रुपए का भू भाड़ा नहीं भरा है। लेकिन कार्रवाई सिर्फ गरीब झोपड़ी धारकों पर ही क्यों?
महेंद्र कल्याणकर की नाकामी
एसआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र कल्याणकर गरीबों का कल्याण करने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं। झोपड़ी धारको को भाड़ा तक नहीं दिला पा रहे है। सिर्फ इनके दावे बड़े-बड़े है। सकड़ों झोपड़ी धारकों को सालों से भाड़ा नहीं देने वाले विकासक पर कार्रवाई करने के बजाए, झोपड़ी धारकों को एसआरए विभाग के चक्कर लगाना पड़ रहा है। यहीं महाराष्ट्र सरकार ने २०११ तक के झोपड़ो को भले ही मान्यता दे दी हो लेकिन अधिकारी इस पर काम न करके विकासक के इशारे पर बिना झोपड़ी का सर्वेक्षण किया झोपड़ी तोड़ने का काम कर रहे हैं यह कहना गलत नहीं होगा की विकासक की दलाली कर रहे है।
सोसायटी पदाधिकारियों पर विकासक का नियंत्रण
सोसायटी के पदाधिकारियों को विकासक अपने इशारे पर नचा रहा है। सर्वे में छूटे हुए झोपड़ियों को शामिल नहीं किया जा रहा है। सोसायटी पदाधिकारी और अधिकारी झोपड़ी धारकों से लाखों रुपये की मांग करते हैं। फर्जी कागजात बनाकर झोपड़ी पास कर दी जा रही हैं, लोfकन असली झोपड़ी धारकों से पैसे और ‘हराव लाने की मांग की जा रही है।
रहिवासियों का सरकार से सवाल
एसआरए अधिकारियों, सक्षम प्राधिकारी, और सोसायटी के पदाधिकारियों की यह लूट कब बंद होगी?
शिवालिक वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया ३के कब रद्द होगा?
क्या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों की इस समस्या को सुलझाएंगे और सांताक्रूज (पूर्व) गोलीबार के रहिवासियों को उनका हक दिलाएंगे? जनता जवाब मांग रही है।