
मुंबई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के एक कार्यकारी अभियंता और दो निजी व्यक्तियों को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह मामला म्हाडा की झुग्गी पुनर्वास अभय योजना से जुड़ा हुआ है। बोरीवली संभाग के दस आवेदकों ने इस योजना के तहत आवेदन किया था, और उनके आवंटन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए म्हाडा के मुंबई मंडल बोरीवली डिवीजन के कार्यकारी अभियंता दिनेश श्रीधर श्रेष्ठ ने कथित रूप से प्रत्येक आवेदक से 60,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। कुल मिलाकर उन्होंने 6.6 लाख रुपये मांगे थे। इस राशि की पहली किस्त के रूप में 60,000 रुपये नकद वसूलने के लिए अभियंता ने ठेकेदार संजय त्रिवेदी को जिम्मेदारी सौंपी, जिसने यह राशि एक ऑटो-रिक्शा चालक राजकुमार यादव को सौंप दी थी, ताकि इसे अभियंता तक पहुंचाया जा सके। एसीबी को इस भ्रष्टाचार की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने एक जाल बिछाया और जैसे ही ठेकेदार संजय त्रिवेदी ने 60,000 रुपये प्राप्त कर ऑटो चालक को दिए, एसीबी ने तत्काल कार्रवाई कर दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया और बाद में म्हाडा के कार्यकारी अभियंता को भी गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के अनुसार, मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है और आने वाले दिनों में और छापेमारी की संभावना है। जांच के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हो सकते हैं, जिससे इस भ्रष्टाचार में अन्य अधिकारियों या ठेकेदारों की संलिप्तता का भी खुलासा हो सकता है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इस कार्रवाई को सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।