मुंबई। महाराष्ट्र सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए किसान नेता राजू शेट्टी ने रविवार को कहा कि सरकार ने शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का खर्च बढ़ा दिया है और किसानों को बहुत कम मुआवजा दिया है। शेट्टी ने इसे किसानों की कीमत पर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया।
भूमि अधिग्रहण पर आरोप
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित मानक के मुकाबले प्रति किलोमीटर 20-25 करोड़ रुपये अधिक खर्च किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका मतलब है कि राज्य को प्रति किलोमीटर 75-76 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे की लागत पर सवाल
राजू शेट्टी ने सवाल उठाया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की 1 किलोमीटर 6-लेन सड़क की लागत भूमि अधिग्रहण सहित 25 करोड़ रुपये होती है, तो शक्तिपीठ हाईवे के एक किलोमीटर के लिए 107 करोड़ 50 लाख रुपये कैसे हो सकते हैं? शेट्टी ने यह भी सवाल किया कि 82 करोड़ 50 लाख रुपये कहां जा रहे हैं और किसकी जेब में जा रहे हैं।
किसानों को कम मुआवजा
राजू शेट्टी ने यह भी दावा किया कि शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के लिए किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के लिए प्रस्तावित मुआवजे का मात्र 40 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस परियोजना को किसी भी कीमत पर किसानों पर थोपना चाहती है, लेकिन वे इसका डटकर मुकाबला करेंगे।
टोल राजस्व मॉडल पर भी सवाल
शेट्टी ने एक्सप्रेसवे के लिए लागू किए गए टोल राजस्व मॉडल की भी आलोचना की और कहा कि इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा, जो अपनी जमीन देंगे। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर पुनः विचार करने की मांग की है।