
मुंबई। महाराष्ट्र रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (महारेरा) ने घर खरीदारों को हुए नुकसान की भरपाई के रूप में अब तक 200.23 करोड़ रुपये वसूलने में सफलता प्राप्त की है। इस राशि में मुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर, रायगढ़, पालघर और अन्य क्षेत्रों से प्राप्त राशि शामिल है। मुंबई शहर से 46.47 करोड़ रुपये, मुंबई उपनगरीय से 76.33 करोड़ रुपये, पुणे से 39.10 करोड़ रुपये, ठाणे से 11.65 करोड़ रुपये, नागपुर से 9.65 करोड़ रुपये, रायगढ़ से 7.49 करोड़ रुपये, पालघर से 4.49 करोड़ रुपये, छत्रपति संभाजी नगर से 3.84 करोड़ रुपये, नासिक से 1.12 करोड़ रुपये और चंद्रपुर से 9 लाख रुपये की वसूली की गई है। वसूली प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए महारेरा ने मुंबई उपनगरीय और पुणे के जिला कलेक्टरेट कार्यालयों में सेवानिवृत्त तहसीलदारों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है, जिन्हें वसूली के मामलों में मदद के लिए नियुक्त किया जाएगा, जहां अधिक शिकायतें और वसूली की राशि बाकी है। मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में 73 परियोजनाओं से 355 शिकायतों से 228.12 करोड़ रुपये की वसूली बाकी है, और पुणे क्षेत्र में 89 परियोजनाओं से 201 शिकायतों से 150.72 करोड़ रुपये की वसूली बाकी है। महारेरा के अध्यक्ष मनोज सौनिक ने कहा कि महारेरा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आदेशित मुआवजा पीड़ित घर खरीदारों को मिले और उन्हें कानूनी व वित्तीय राहत मिल सके। इसके लिए, उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया है जो वसूली प्रक्रिया को गति देंगे। अब तक महारेरा ने 442 परियोजनाओं से 705.62 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए 1,163 वारंट जारी किए हैं, जिनमें से 139 रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े 283 वारंट से 200.23 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। यह वसूली रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 40(1) के तहत की जाती है, जो जिला कलेक्टरों को बकाया राशि वसूलने के लिए अधिकृत करता है। अगर डेवलपर दिए गए समय सीमा में मुआवजा या रिफंड का भुगतान नहीं करता, तो जिला कलेक्टर कार्यालय की मदद से वसूली की जाती है।