
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति (भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी अजित पवार गुट) ने प्रचंड बहुमत हासिल किया, लेकिन चार दिन बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय नहीं हो पाया है। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बीच चल रही सीएम की रेस में अजित पवार के पीछे हटने के बाद अब फडणवीस और शिंदे आमने-सामने हैं।
नाना पटोले का महायुति पर निशाना
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने महायुति पर कटाक्ष करते हुए कहा चुनाव नतीजे आए चार दिन हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, यह अब तक तय नहीं हुआ। महाराष्ट्र के किसान और जनता इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि इनके मित्र का आदेश नहीं आया है। जब तक मित्र का आदेश नहीं आता, मुख्यमंत्री पर फैसला नहीं होगा। पटोले ने कहा कि महायुति को आंख बंद करके साइन करने वाला मुख्यमंत्री चाहिए। पटोले ने आगे कहा लोग पूछ रहे हैं कि हमने वोट नहीं दिया, फिर भी यह सरकार कैसे आई? उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयानों का समर्थन करते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में आंदोलन शुरू करने की घोषणा की।
कांग्रेस आने वाले दो दिनों में साइन प्रोटेस्ट शुरू करेगी और करोड़ों लोगों का समर्थन जुटाकर चुनाव बैलेट पेपर पर कराने की मांग करेगी। उन्होंने ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे “राजनीतिक” करार दिया और कहा कि ईवीएम की जांच को लेकर कांग्रेस पहले से ही काम कर रही है। पटोले ने कहा कि कांग्रेस, जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, अब जनता की लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आंदोलन जनता की भावनाओं को लेकर आगे बढ़ेगा और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि लोकतंत्र में जनता की भूमिका सर्वोपरि बनी रहे।
मुख्यमंत्री पद पर खींचतान
महायुति के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर रेस जारी है। एक तरफ शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रमुख है। महाराष्ट्र में राजनीतिक अनिश्चितता के बीच विपक्ष ने महायुति सरकार पर कटाक्ष करते हुए जनता के मुद्दों को उठाने का प्रयास किया है। अब देखना होगा कि महायुति कब तक मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय लेती है।